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Showing posts with the label good morning poem

Subha Tere sang Badi suhani lagti hai......!! Hindi good morning poem

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Subah Tere Sang, Badi suhani lagti Hai........ Ye fiza bhi jaise, Teri deewani lagti Hai....... Bajati Hai jab, Tere pairon ki paajeb....... Sunke yah hawa bhi, mastani lagti Hai........ khil uthati Hai kalaiyan, Teri ek muskan se......... Ye kaliyan bhi jaise, teri deewani lagti Hai........ Bikhar jaaye jo zulfein Teri, Saavn ki ghataon me........ Barasti Hai boondon me, Teri mahak aane lagti Hai......... Laharati Hai jab tu, Apna anchal hawaon me....... Kasam se Meri jaan........ Puri kaynaat me tu sabse, haseen lagti Hai........!!! Pravin..........✍ सुबह तेरे संग, बड़ी सुहानी लगती है........ ये फिजा भी जैसे तेरी, दीवानी लगती है........ बजती है जब, तेरे पैरों की पाजेब........ सुन के ये हवा भी, मस्तानी लगती है........ खिल उठती है कलियाँ, तेरी मुस्कान से......... ये कलियाँ भी जैसे, तेरी दीवानी लगती है........ बिखर जाए जो जुल्फें तेरी, सावन की घटाओं में.......... बरसती हुई बूंदों में तेरी महक आने लगती है........ ...

हर रोज सुबह मेरी हसीन हो जाए........!!! Good morning poem

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Har roj subah Meri hasin ho jaye......! Tu aa kar jab mujhe neend se jagaye......! Tere bhige huye gesuno se girti hui boonde.....! Mere chehere ko bade pyar se bhigoye......! Mai dekhta rahun tujhe pyasi niganho se......! Or tu Sharma ke apna chehera chhupaye......! Tujhe banho me lekar Jo karun jora jori......! Teri kalai me kaanch ki chudi toot Jaye......! Chum kar mere galon ko fir tu kahe mujhse.....! Der ho rahi hai janu aap jaldi se uth Janye ......! Ghar se jab mai niklun office ko to......! Tera muskurata huva chehra mujhe nazar aaye......! Sambhal kar Jana or sham ko jaldi aana......! Itna kahe kar darwaje tak tu mujhe chhodne aaye......! Sach kaheta hun o priye Meri... subah Meri tab or hasin ho jaye, Tu aa kar jab mujhe neend se jagaye......! Pravin........ हर रोज सुबह मेरी हसीन हो जाए.........! तू आ कर जब मुझे नींद से जगाए..........! तेरे भीगे गेसुओं से गिरती हुई बूंदें, मेरे चेहरे को बड़े प्यार से ...

सुबह बड़ी अच्छी लगती हैं....... Hindi good morning poem

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अखबार की सुर्खियां, और चाय की चुस्कियां.... सुबह बड़ी अच्छी लगती है..... गुनगुनाते भंवरे और, रंग-बिरंगी तितलियां......... सुबह बड़ी अच्छी लगती है......... हरे भरे बागानों में, फूलों से लचकती डालियां........ सुबह बड़ी अच्छी लगती है.......... पत्तियों पे जमी ओस की बूंदें और, कोहरे में लिपटी वादियां............ सुबह बड़ी अच्छी लगती है........... पहाड़ों से गिरते झरने और, बहेती नदी की निर्मल धारा........... सुबह बड़ी अच्छी लगती है........... उड़ते पंछियों का नजारा और, उनके स्वर का मधुर तराना........... सुबह बड़ी अच्छी लगती है.......... ऐसा हो सुबह कुदरत का नजारा और, हाथों में हो हाथ तुम्हारा........... तो सुबह की सैर बड़ी अच्छी लगती हैं.......!! प्रविन........✍

सुबह की नर्म धूप में......!!! Hindi good morning poem

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सुबह की नर्म धूप में, मन यही कहता है.! कहीं से आ जाए वो, जिसका इंतजार हमें रहता है.! बातें हो प्यार भरी, और थोड़ी सी शरारत हो.! जिंदगी की उलझनों में, थोड़ी सी तो राहत हो.! बैठे हों हम साथ साथ, और कहे वो आज कितनी सर्दी है.! चाय के प्याले से उठते धूएं में, पुछे की चाय कितनी मीठी हो.? वक्त गुजर जाए कुछ ऐसा, यही दिल की ख्वाहिश है.! सर्दीयों के इस मौसम में, उनके बगैर तन्हाई है....!!! प्रभात........ तेरा मेरा साथ रहे 👫 💞

सुबहा हुई और मम्मी ने आवाज लगाई ........!!! Hindi good morning poem

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                                    सुप्रभात                     🌛🌟👬☀🌞☀👫🌟🌜                   सुबहा हुई और मम्मी ने आवाज लगाई                 बेटा अबतो उठ जा देख सुबह होने आई                     ❈❈❈✾✾✾❈❈❈✾✾✾❈❈❈            ढेरों सपने कल रात जो पलकों मे मैंने थे सजाए       आज वो पुरे होंगे इस लिए हम मन ही मन मुस्कृराए           ❈❈❈✾✾✾❈❈❈✾✾✾❈❈❈✾✾✾❈❈❈                      होगी दोस्तों से आज खू...

हुई सुबह सुहानी........!! Hindi good morning poem.....!!

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हुई सुबह सुहानी,          बस तुम याद आए......! किया धरती पर किरणों ने उजाला,          बस तुम याद आए......! बहेने लगी ठंडी -ठंडी पवन बहारो में,         बस तुम याद आए.......! महेक उठी सारी कलीयाँ फिझा में,         बस तुम याद आए.......! कोयल ने छेड़ा मधुर तराना बागो में,        बस तुम याद आए.......! कंही खनकी किसी की चुडी हाथों में,        बस तुम याद आए.......! आ रही गजरे की महेक किसी के झुल्फो में,       बस तुम याद आए.......! हुई पायल की झनकार किसी के पाँओ में,       बस तुम याद आए.......! उडा किसका आँचल ईस हवा में,       बस तुम याद आए.......! ए मेरे सनम,       तुम बहोत याद आए.......!! प्रभात........ तेरा मेरा साथ रहे 👫💞

तेरी याद आई..........!!! Good morning poem

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बिखरे रात के सपने फिर सुबह हुई तो, तेरी याद आई..............................! निंदिया उडी पलकें खुली तो, तेरी याद आई..................! ठंडी लहराती हवा तन छू गई तो, तेरी याद आई.......................! मेरी हर सांस ने ली आह तो, तेरी याद आई.................! उडी लट चेहरे पे मेरे तो, तेरी याद आई............! बदन ने मेरे ली अंगडाई तो, तेरी याद आई................! उन मीठे से लम्हों की लडी सजी तो, तेरी ही याद आई.......................! प्रतिभा............. तेरा मेरा साथ रहे 👫

मैं ही वो जलता सूरज हूं.......!!! Good morning poem

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खुद तपता हूं, तड़पता हूं.        पूरा जहान मैं रोशन करता हूं....!               💞💠💞               दिन भर मैं खूब जलता हूं,                     दुसरो को राह दिखाता हूं....! 🌴🌞🌴 दहक जाता बदन मेरा,        चपेट आग की जब सहता हूं....!              💞💠💞               होता नहीं कोई पास मेरे                       मैं अकेले ही सिसकारियां भरता हूं....! 🌴🌞🌴 नफ़रत न करो मुझसे ए दोस्तों        तुम्हारे लिए ही बलिदान देता हूं...!               💞💠💞                 रूह कंपा उड़ती है मेरी                      तुम्हारी आंख में जब आंसू देख लेत...

Good morning Hindi poem

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खुद को इतना भी मत बचाया कर...........! बारिशें हो तो भीग जाया कर...........! चांद लाकर कोई नहीं देगा, अपने चेहरे को जगमगाया कर............! दर्द हीरा है दर्द मोती है, दर्द आंखों से मत बहाया कर............! काम ले कुछ हसीन होंठों से, बातों-बातों में मुस्कुराया कर..............! धूप मायूस ही लौट जाती है, छत पे किसी बहाने आया कर..............! कौन कहता है दिल मिलाने को, कम-से-कम हाथ तो मिलाया कर............! सुबह यूं तो रोज आती है नई उम्मीद ले कर, कभी मेरी उम्मीदों को सच कर जाया कर...........!! सुप्रभात दोस्तों 🔆🙏 प्रभात..........

तू आ कर जब मुझे नींद से जगाए......!! Good morning poem

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हर रोज सुबह ऐसी हसीन हो जाए.........! तू आ कर जब मुझे नींद से जगाए..........! तेरे भीगे गेसुओं से गिरती हुई बूंदें, मेरे चेहरे को बड़े प्यार से  भिगोए...........! मैं देखता रहूं तुझे प्यासी निगाहों से, और तू शरमा के अपना चेहरा छुपाए.........! तुझे बांहों में ले कर करूं जो जोरा जोरी, तेरी कलाई में काॅच की चूड़ि टूट जाए.........! चुम कर मेरे गालों को फिर तू कहे मुझसे, देर हो रही है जानु जल्दी से अब उठ जाओ.........! घर से मैं निकलूं जब ऑफिस को‌ तो‌, तेरा मुस्कुराता हुआ चेहरा मुझे नजर आए.........! संभल कर जाना, और शाम को जल्दी आना, इतना कहे के दरवाजे तक तू मुझे छोड़ने आए..........! सच कहता हूं, सुबह मेरी तब और हसीन हो जाए, रोज आ कर जब मुझे नींद से मेरी जान तू जगाए........!! प्रभात.......... तेरा मेरा साथ रहे 👫

चलो नई सुबह की, नई शुरुआत करते हैं..........! G......M..... Hindi poem

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चलो नई सुबह की, नई शुरुआत करते हैं..........! सपनों की नहीं आज, हकीकत की बात करते हैं..........! उदास चेहरे पर, प्यारी सी मुस्कान लाते हैं..........! हर दिल में प्यार की, एक ज्योत जलाते हैं..........! कोई खफा ना रहे हमसे, ऐसे सबको गले से लगाते हैं..........! मात-पिता के चरणों में, अपना शीश झुकाते हैं...........! कभी दिल ना दुःखे किसी का, यही खुद से हम आज वादा करते हैं............! इंसान हैं हम इंसानियत को  आज खुद में खुदको ढूंढने की कोशिश करते हैं..........!! सुप्रभात दोस्तों 🔆🙏 प्रभात.......

नयी सुबह का नया तराना,...... G....M..... Hindi poem

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 सुबह का नया तराना,   .   .    ❄❄💖❄❄       फिर बुनने को ताना बाना,   .  .  .  .   . ❄❄💜❄❄            नयी आशा और नया ठिकाना,   .  .  .  .  .  .  .  ❄❄💙❄❄                 ज्यादा समझा थोड़ा जाना,   .  .  .  .  .  .  .  .  . ❄❄💛❄❄          .  .        नयी सुबह का नया तराना.   .  .  .  .  .  .  .  .  .  .   ❄❄💚❄❄                      कुछ नया सा कुछ गया सा,   .  .  .  .  .  .  .  .  .  ❄❄💖❄❄                 कुछ जाया तो कुछ रहा सा,   .  .  .  .  .  .  ....

सब कुछ यहीं है..... G....M..... Hindi poem.

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            रहने दे आसमा, जमी की तलाश ना कर,        सब कुछ यहीं है..... कंही और तलाश ना कर.....                            🌷💖🙏💖🌷         हर आरज़ू पूरी हो..... तो जीने का क्या मजा.....   जीने के लिए बस एक खूबसूरत वजह की तलाश कर...                            🌷💖🙏💖🌷            ना तुम दूर जाना.... ना हम दूर जाएंगे.....            अपने अपने हिस्से की दोस्ती निभाएंगे.....                            🌷💖🙏💖🌷            बहुत अच्छा लगेगा जिंदगी का ये सफर....    आप वहां से याद करना..... हम यहां से मुस्कुराएंगे.....                       ...

सुबह की सुनहरी धूप.......G....M...... Hindi poem

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सुबह की सुनहरी धूप, सब को जगाती हैं.......! कर्म से रोशन होगा, तेरा नसीबा.......! यह बात सबको, सिखाती है.......! कल नाकाम हुए, तो क्या हुआ.......! आज‌‌ कोशिश तेरी, जरुर रंग लाएगी.......! सिख ले कुछ तू, बहती नदी से.......! जो पहाड़ों को चीर के, अपना रास्ता बनाती है.......! सुप्रभात दोस्तों 🔆🙏 प्रभात.........

क्या क्या देखूं साँवरे,, G...m. Hindi poem

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क्या क्या देखूं साँवरे,, ये कुंडल या ये घुंघराले बाल ये नैन कज़रारे या नैनो की धार,, होठों की लाली,,या कातिल मुस्कान,, ये मधुर बाँसुरी या,मीठी तान, ये सुन्दर नूपुर या टेड़ी चाल,, ये पीला पिताम्भर या मुकुट विशाल,, ये चमकता मोर पंख,या तेरा प्यार अपार,, मुझसे तो तुमारा रूप का वर्णन भीनही किया जा रहा।। कहाँ से लाऊँ शब्द ,,जो तुझे दे शब्दों में उतार,, तेरी छवि निराली ,,मेरे सरताज,, 🌹🚩 जय श्री राधे कृष्णा🚩🌹 सुप्रभात दोस्तों 🔆🙏 प्रभ

मात-पिता के चरणों में नमन.... G...M... Hindi poem

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रात चंदा ने लोरी गा कर सुलाया था, सुबह सूरज ने गुदगुदा के जगाया है.......! पर सुबह मेरी तब हुई मेरे यारो, जब मां ने मुझे बेटा कह के बुलाया है......! आंखें खुलते ही मां की सूरत जब देखी, मां की सूरत में जैसे मुझे रब नजर आया है......! सर झुकाया जब मात-पिता के चरणों में, मुझे जन्नत का द्वार भी वहीं नजर आया है.....! हर मुश्किल मेरी आसान होती गई, जब आशिर्वाद मैं ने उनका पाया है......! ढूंढता फिरूं मैं तुम्हें फिर क्यों मंदिरों में, जब मेरे माता-पिता में ही तुम समाए हो......! उनकी पुजा में ही तुम्हारी पुजा करूं, मात-पिता से बढ़कर यहां कौन दुजा है......!! मात-पिता के चरणों में नमन 🙏🌺 सुप्रभात मेरे दोस्तों 🔆🙏 प्रभात........

इंसान है तू इंसान से यारी रख..... G..m. Hindi poem

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इंसान है तू इंसान से यारी रख..... सुख दुःख में सबसे भागीदारी रख..... छोटे बड़े का कोई भेद ना हो तुझमें सब के लिए तू एक सा सम्मान रख.... तेरी बातों से मायूसी दूर हो जाए ऐसी जुबां पर तू मिठास रख.... कभी रिश्तों की डोर ना टूटे, ऐसा उसमें तू प्यार और विश्वास रख.... रब भी तेरी बंदगी से खुश हो जाए ऐसा हर घर्म से प्रेम भाव रख....!!* सुप्रभात मित्रों 🔆🙏 प्रभात.....

आईना-ए-जिंदगी.....G...m.....Hindi poem

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हर रात को चाँद का, सिंगार नहीं मिलता......! हर डालीं को फूलों का, प्यार नहीं मिलता.....! अरमान बहोत होते हैं, इस दिल में पर.....! हर किसी को मन चाहा, संसार नहीं मिलता.....! कश्तियां तो बहोत फिरती है, साहिल की लहरों पर.....! यहां हर कसती को, किनारों का प्यार नहीं मिलता....! आशियाने बिखर जाते हैं, हवा के हलके झोंके से.....! हर किसी को चैन की, अटूट दिवार नहीं मिलती.....! ये जिवन काँटों से भरी, बगीया का एक गुलाब है.....! यहां हर गले के लिए, फूलों का हार नहीं मिलता....!* गीत बहोत होते हैं, होंठों पर जिवन के.....! पर हर गीतों को साज की, वो धार नहीं मिलता....! ये जिन्दगी छलावा है, बस‌ एक दिखावा है.....! यहां कभी किसी को, सच्चा एक यार नहीं मिलता....! हमनें यही सोचकर, सब्र कर लिया है "प्रभात....!" की यहां हर इंसान को, इंसान का प्यार नहीं मिलता....!!* सुप्रभात दोस्तों 🔆🙏 हंसते मुस्कुराते रहो 😊💖 प्रभात......

आज दिन इतवार का है....G....M ....Hindi poem

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आज सुबह बड़ी सुकून की है.... ना ऑफिस की ना चिंता काम की है.... क्योंकी आज दिन इतवार का है....! श्रीमती के चेहरे पर प्यारी सी मुस्कान है.... पुरा दिन जो बिताना उनके साथ है.... क्योंकी आज दिन इतवार का है....! आज फुर्सत के हर लम्हें बडे़ ही प्यारे हैं.... जो श्रीमती जी के साथ गुजरने वाले हैं.... क्योंकी आज दिन इतवार का है....! ख्वाहिश आज शाम बाहर घुमाने ने की है.... सिनेमा के बाद होटल की फरमाइश जो है.... क्योंकी आज दिन इतवार का है.... घर में हर तरफ छाया आज खुशी का माहोल है..... बित गये दिन काम काज के आज दिन आराम का है क्योंकी आज दिन इतवार का है.... 🔆सुप्रभात 🔆 😍शुभ दिन रविवार 😊

Dhundhta hun har roj subha ko ......G...M Hindi poem....

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🙏🔆सुप्रभात मेरे दोस्तों 🔆🙏 Dhundhta hun har roj subha ko, Par wo subha kanhi nazar nahi aati..... Sunna chahun murge ki bang ko, Par wo avaaz bhi kanhi nahi aati..... Charo taraf hai bas sor saraba, Mandir se shankhnaad bhi nahi aati..... Galiyan bhi ab to suni pad gai, Kanhi prabhatferi bhi nazar nahi aati..... Bajte Hain gharon me sirf filmy gane, Kirtan ki Dhun bhi kanhi se nahi aati..... Badal te waqt ke sath badal Raha hai insan, Maa-baap ke charnon me zhukte sis bhi nazar nahi aate..... Dhundhta hun har roj subha ko, Par wo subha kanhi nazar nahi aati..... Pravin.........✍️ ढूंढ़ता हूं हर‌ रोज सुबह को, पर वो सुबह कहीं नजर नहीं आती...... सुनना चाहूं मुर्गे की बांग को, पर वो आवाज़ भी कहीं नहीं आती...... चारों तरफ है बस शोर शराबा, मंदिरों से अब शंखनाद भी नहीं आती..... गलियां भी अब तो सुनी पड़ गई, कहीं प्रभातफेरी भी नजर नहीं आती...... बजते हैं घरों में सिर्फ फिल्मी गाने, किर्तन की धून भी कहीं से नहीं आती...... बदलते व...