छत पर बैठे अक्सर हम.......!!! Hindi love poem
छत पर बैठे अक्सर हम, आसमां को निहारा करते हैं....! चमकते हुए सितारों से, तेरी तस्वीर बनाया करते हैं....! तेरे माथे की बिंदिया में, हम चांद सजाया करते हैं....! जब मुस्कुराने लगती हो तुम, हम खुद भी मुस्कराया करते हैं....! कहते हैं फिर दिल की बातें, की हम तुम्हें कितना चाहते हैं....! दूर रह कर भी इस तरह से, हम तुम्हें अपने पास पा लेते हैं...! छत पर बैठे अक्सर हम, आसमां को निहारा करते हैं....! चमकते हुए सितारों से, तेरी तस्वीर बनाया करते हैं....!!! प्रविन....... Chhat baithe aksar hum, Asma ko nihara karte Hain....! Chamakte huye sitaro se, Teri tasvir banaya karte Hain....! Tere mathe ki bindiya me, Hum Chand sajaya karte Hain....! Jab muskurane lagti ho tum, Hum khud bhi muskuraya karte Hain....! Kahete fir dil ki baten, Ki hum tumhe kitna chahte Hain....! Door rahekar bhi is tarah se, Hum tumhe apne paas paa lete Hain.....!!! Chhat baithe aksar hum, Asma ko nihara karte Hain....! Chamakte huye sitaro se, Teri tasvir banaya karte Hain.