चराग-ए-उम्मीद जला के सोया कर....!!! Hindi good night poem
ज़हन से हर नक्श मिटा के सोया कर, तू ये सारी दुनिया भूला के सोया कर... क्या खोया क्या पाया क्या ढूंढ रहा है, खुदा को सबकुछ बता के सोया कर...! नींद भले कितनी ही गहरी आ जाए, पर ख्वाबों को तू जगा के सोया कर...! मखमली एहसास तुझे सोने नहीं देंगे, जमीन पर बिस्तर बिछा के सोया कर...! कल फिर से मुलाकात होगी दुनिया से, ये चराग-ए-उम्मीद जला के सोया कर...! दिल की लौं हर शब बुझ ही जाती है, एक आग सीने में लगा के सोया कर...! मसीनी दौर में एहसास मर न जाए कहीं, दो चार आंसू भी बहा के तू सोया कर...!!! प्रविन..........✍️ Jahan se har naksh mita ke soya Kar, Tu ye sari duniya bhula Kar soya Kar, Kya khoya Kya paya Kya dhundh Raha hai, Khuda sab kuchh Bata ke soya Kar, Neend bhale hi gahari aa jaye, Par khwabon ko tu jaga ke soya Kar, Makhmali ehsas tujhe sone nahi denge, Jamin par bistar bichhakar soya Kar, Kal fir se mulakat hogi duniya se, Ye charag-e-ummid jala ke soya Kar, Dil ki laon har shab bujh hi jati hai, Ek aag sine me laga ke soya Kar, Masi