मेरी आदत नही.....!!! Hindi habit poem
किसी को तकलीफ़ देना मेरी आदत नही, बिन बुलाया मेहमान बनना मेरी आदत नही....! मैं अपने गम में भी रहता हूं नवाबों की तरह, परायी खुशियों के पास जाना मेरी आदत नही.....! हमेशा सबको हंसता ही देखना चाहता हूं मैं, किसी को धोखे से भी रुलाना मेरी आदत नही.....! बांटना चाहता हूं तो बस प्यार और मोहब्बत सबसे, यूं लोगों में नफ़रत फैलाना मेरी आदत नही.....! जिंदगी मिट भी जाए किसी की खातिर तो गम नही, बद्दुआओं के साथ जीने की मेरी आदत नही.....! सबसे दोस्ती की हैसियत से बोल देता हूं, किसी का दिल दुखाने की मेरी आदत नही.....! दोस्ती होती है दिल से चाहने पर, किसी से जबरदस्ती दोस्ती करना मेरी आदत नही....!! प्रभात.........