मैं अपनी असलियत आईने में देखा लेता हुं......!!! Hindi suvichar

जब भी तारीफ करती है, ये दुनिया मेरी...! मैं घर जाकर आईने में, अपनी "असलियत" देख लेता हुं...!! मेरी आवाज़ कभी, उनकी "आवाज़" से ऊंची नहीं होती...! मैं अपने "पिता" की आंखों में, अपना बचपन जो देख लेता हुं....!! अपनी "तन्हाई" पर, जब तरस आने लगता है...