मौत के आगे, जिंदगी हार जाती है....!!! Hindi life poem
ना दिन, ना तारिख, ना वो, समय कभी बताती है। मौत जब भी आती है, बिन बुलाए ही चली आती है।। छोड़ जाता है इंसान, अपना सबकुछ यही पर। केवल आत्मा के साथ वो, कर्मों का हिसाब ले जाती है।। बहे जाता है इंसान, आंखों से आंसू बनकर। दीवार पर सिर्फ उसकी, एक तस्वीर रहे जाती है।। जिंदगी से कितनी भी, मोहब्बत करलो। आखिर में मौत के आगे, जिंदगी हार जाती है....!!! प्रभात.........