देख पिता की शहादत.....!!!! Hindi desh bhakti poem
देख पिता की शहादत, ख़ून मेरा खौल उठा है... आंखों में है आंसू और, सीने में शोला भड़क उठा है... सर पे पिता का रहा ना साया, उसका मुझे कोई ग़म नहीं... मेरी जुबां पर आज भी, ज़य हिंदी का ही नारा है... शेरों को धोखे से मारा, जिन पाकिस्तानी कुत्तों ने... उन्हें मिटाने के लिए, मुझे फौज में भर्ती होना है...!! जय हिन्द ✊