आकर मुझे फिर एक बार, सीने से लगा ले न माँ.......!! Mother's day poem
आकर मुझे फिर एक बार, सीने से लगा ले न माँ..............! अपना चँदा,अपना सूरज,अपना राजा बेटा, कहे कर फिरसे मुझे बुला ले न माँ.............! बहोत रोया हूं मैं, तेरे आँचल से बिछड़ कर...........! वो गुद-गुदिया कर के बचपन वाली, फिरसे मुझे हसा दे न माँ............! याद आता है तेरा वो मुझे, अपने हाथों सै खिलाना...............! आ कर अपने हाथों से दो निवाले, मुझे तू खिला दे न माँ.................! माँ तेरी गोद का सहारा, फिर से मुझे देदे.........................! बरतन में दिखाती जो तू मेरी सूरत, वो आईना मुझे दे न माँ...............! माँ आ के सुना दे तू, वो लोरि मेरे बचपन की................! एक बार फिर से चैन की नींद, मुझे तू सुला दे न माँ....................! रोज तकता हूं आसमान के, सारे सितारों को...........................! आज किसी एक सितारे मे तू, अपनी सूरत दिखा दे ना माँ.............! आकर मुझे फिर एक बार, सीने से लगा ले न माँ.....................! दोस्तों ईश्वर हर किसी को, धनवान नहीं बनाता........................! पर......