जिंदगी से बड़ी कोई सज़ा ही नहीं.....!!! Hindi suvichar
जिंदगी से बड़ी कोई सजा ही नहीं; और क्या जुर्म है हमें पता ही नहीं।। इतने हिस्सों में बंट गया हूं मैं की; अपने हिस्से में कुछ बचा ही नहीं।। जिंदगी मौत तेरी आख़री मंजिल है; दुसरा कोई जिंदगी का रास्ता ही नहीं।। सच जब घटे या बढे तो सच ना रहे; झूठ की कोई रहती इंतिहा ही नहीं।। जिंदगी तू ही बता अब कहां जाएं; जहर बजार में कहीं मिला ही नहीं!! जिस वजह से होते हैं फसाद जहां में; उस का यहां कोई अता-पता ही नहीं...।। प्रभात.........