कुछ कहो यूं खामोश न रहो....!!! (Kuchh kaho Yun khamosh na raho...!!)Hindi suvichar
कुछ कहो यूं खामोश न रहो, अपनों को यूं अपनों से दूर मत करो, कहां गया वो बातों का ताना-बाना, कहां गया वो मुस्कुराहटों का मुस्कुराना, रिश्तों में तो उलझने आती-जाती रहेगी, पर उलझनों कोे हमें ही तो है सुलझाना, कहीं रहे ना जाए जिंदगी की अधूरी कहानी, मिलना बिछड़ना तो खेल सदियों पुराना, जितना भी जीए हंसते मुस्कुराते हुए, अंत में शेष हर दिल में प्रेम ही रह जाए...!! प्रविन........✍ Kuchh Kaho Yun, khamosh na raho.....! Apnon ko yun, apno se door Na Karo.....! Kahan gaya vah, baton ka Tana bana.....! Kahan gaya vah, muskurahat ka muskurana......! Rishton mein to, uljhane aati jati rahegi.......! Par uljhano ko, hamen hi to hai suljhana......! Kahin rahna jaaye, jindagi ki adhuri Kahani.......! Milana bichhadna to, khel Hai sadiyo purana.......! Jitna bhi jiye, hanste muskurate hue jiye.......! Aant mein shesh, har Dil mein Prem hi rah Jaye......!! Pravin.........✍