आदमी........!!! Hindi suvichar
हर तरफ हर जगह बेशुमार है आदमी, फिर भी तन्हाईयों का शिकार है आदमी....! सुबह से शाम तक बोझ ढोता हुआ, अपनी ही लाश का खुद मजार है आदमी....! हर तरफ भागते दौड़ते रास्ते, हर तरफ आदमी का शिकार है आदमी....! रोज जीता हुआ रोज मरता हुआ, हर नए दिन का इंतजार है आदमी....! जिंदगी का मुकद्दर सफ़र दर सफ़र, आखिरी सांस तक बेकरार है आदमी....!! प्रभात..…........