सुनो ना मेरी जान.......!! Hindi love poem.......
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सुनो ना मेरी जान....... दूर रहे कर भी तुझसे मोहब्बत करना मुझे अच्छा लगता है....................! तू बता तुझसे इस कदर प्यार करना तुझे कैसा लगता है....................! इतने फासले में भी है, तेरी कुरबत के मजे....................! तुझसे मिलना तुझे चाहना, मुझे अच्छा लगता है...................! राख उडने लगी है मन में, जलते बुझते यादों की..................! शाम ढले तेरी यादों के दिप जलाना मुझे अच्छा लगता है...................! कैसे कहूं तेरे बिना, डसती है मुझको तन्हाई...............! तेरी उल्फत तेरी फुर्कत में मुझे रातों को जगना, मुझे अच्छा लगता है................................! वो आँच थी हवा में की, कलि तक भी सुलग गई...............! ऐसे में तेरा मुझपर घटा बनकर बरसना, मुझे अच्छा लगता है......................! फासले मिट ना पाएंगे, इन दूरीयों को कभी.......................! तसव्वुर मे तेरा आ कर दिल को बहलाना, मुझे अच्छा लगता है.........................! छिन ली नींद तुमने चुपके से, ख्वाबों में आ कर मेरी........................! तेरी तस...