लोग.......!!! Hindi suvichar

अपने अजीब अंदाज पे इतराते हैं...लोग.. खुद की फजीहत पे मुस्कराते हैं...लोग.. पलकों में जख्मों को पनाह देते हैं, और अश्कों से दर्द बतलाते हैं...लोग.. जिन हाथों में हिज्र की जंजीरें डाल आये, उनकी लाशों पे मातम मनाते हैं...लोग.. मंदिर पराया है और मस्जिद भी है ग़ैर, यहां खुद को ही ख़ुदा बताते हैं...लोग.. अपनें ख्यालों को महफूज रखना यारों, यहां चिरागों को भी तबियत से बुझाते हैं...लोग..!! प्रभात........