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Showing posts from May 18, 2018

वो तुम ही हो..........!!! Hindi love poem

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मेरे दिल की हर बात तुम ही हो.......! खुशियों की सौगात तुम ही हो........! मैं तो बस एक पल की तरह हूँ........! मेरा हर दिन,हर रात तुम ही हो.......! एक बंज़र ज़मीन की तरह हूँ मैं, इस ज़मीन पर जो आये बरसात वह तुम ही हो........! मेरी ज़िन्दगी एक वीरान सफर है, इस सफर में जो महकता है,  वह गुल्ले-गुलज़ार तुम ही हो........! हर इंसान यहाँ जीता है सिर्फ, अपनी साँसों की बौदलात........! पर मेरी सांसें भी हो, जिसके लिए बेक़रार वह तुम ही हो........! मेरा जो कुछ भी हो, वह तेरे ही सदके, मेरे रग-रग में हैं जो शुमार वह तुम ही हो........! तेरी एक मुस्कान से कांटे भी फूल बन जाए, चाँद-सितारे भी है जिस पर निसार वह तुम ही हो.......! कहते है मौत के बाद ही फ़रिश्ते नज़र आते है, जीते जी मेरे नसीब में, जिस फ़रिश्ते के मुझे हुए है दीदार वह तुम ही हो........!! प्रभात......... तेरा मेरा साथ रहे 👫

आज का मॉडर्न परिवार........ Hindi family poem

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आज का मॉडर्न परिवार सब परिवार जनों के, अलग-अलग ही विचार हैं..........! आपस में बैर और, द्वेष से भरा पुरा परिवार है...........! राहों में एक दूसरे की, कांटे बिछाने को सारे तैयार हैं..........! ना भाई को भाई यहां सुझता, ना बेटा अपने मां-बाप को पूजता...........! ना ढंग का पहनावा किसी का, ना ही प्यार की बोली कोई बोलता...........! ना त्यौहारों में हुड़दंग यहां मचता, ना बाल गोपाल की टोली कंही दिखती...........! ना मां की कभी डांट पड़ती, ना बाप का कभी चांटा पड़ता...........! आज की पीढ़ी के लिए तो, मां-बाप उनकी राह के बस कांटे ही लगते............! अगर कहीं कुछ है तो बस, मां की सिसकियां और बाप की मजबूरी है...........! अपने कलेजे के टुकड़े से, मां बाप की ही दूरी है.............! घर में है तो रोज बच्चों से, मिलती उन्हें दुत्कार है.............! या फिर अंत में जाना पड़ता उन्हें, वृद्धा आश्रम के ही द्वार है............! ना कोई संस्कृति है यहां, ना इनमें कोई संस्कार है.............! आज के मॉडल युग में यारों, ऐसा ही परिवार है.............! प्रभात.........

क्यूँ ख्वाबो में तुम आते हो.......!!! Hindi love poem

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क्यूँ ख्वाबो में तुम आते हो, हर पल क्यूँ ऐसे तड़पाते हो..........! बनके प्यार की मूरत फिर, दिल में क्यूँ बस जाते हो..........! बन आखों का जल फिर, पलकों पे क्यूँ चढ़ जाते हो..........! कुमकुम के रंगो में फिर, आलोक नया भर जाते हो...........! बनके मेहंदी की खुशबु हाथो में क्यूँ बिखर जाते हो..........! क्यूँ ख्वाबो में तुम आते हो...........! महफ़िल में कर तनहा मुझको, तुम दूर चले क्यूँ जाते हो............! आखों में बन यादो का पानी, वापस फिर क्यूँ तुम आते हो...........! ख़ामोशी में पल भर हो शामिल, सवाल कई दे जाते हो............! थमती हुयी धड़कनो को फिर, एहसास नया दे जाते हो............! क्यूँ ख्वाबो में तुम आते हो...........! वापस तुम अब लौट भी आओ, इतना ना मुझको तड़पाओ...........! ताोडके सारे बंधन तुम, यादो का मरहम दे जाओ............! बन सावन की बूंदें स्वयंम, क्यूँ विरह की अग्नि जलाते हो............! क्यूँ पतझड़ के मौसम में, तुम राग नया सुनाते हो............! क्यूँ ख्वाबो में तुम आते हो............!!!                                 प्रतिभा........

स्वीटु तुझे इतना मैं प्यार दूँ......!!! Hindi love poem

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स्वीटु तुझे इतना मैं प्यार दूँ.............!!! ये तेरी खुली खुली जुल्फे, इन्हे अपने हाथो से सवाँर दूँ ..........! बरस पडु बनकर काली घटा, तेरी हर बला की नजर उतार दूँ...........! ये तेरे मुखड़े की रौनक पे, इस जमीन पे एक नया चाँद उतार दूँ ...........! खूबसूरती तेरी माशाअल्लाह, वो नजर ठहर जाए जिस से तुझे निहार दूँ............! बड़ी कातिल है तेरी नजर, कहीं में कटार सीने पे न मार दूँ............! रहने दे जलवे शोख अदा के, कही उसपर मै अपनी जिंदगी न वार दूँ............! ये तेरा लहरा के चलना, इनको किस की चाल का नाम दूँ............! झड़ते है फूल तेरे लबो से, कहुँ इसे ग़ज़ल या सरगम का नाम दूँ............! न आये कोई पल ऐसा, जिनको जिंदगी में बेवफाई का नाम दूँ.............! निकले जो अश्क तेरी आँखों से, लेकर अपने अधरों पे उन्हें जाम का नाम दूँ...........! एक गुजारिश तुझ से, गर दे इज़ाज़त तो तुझको जहन में संवार दूँ............! गर बन जाए “दिल” की धड़कन, तुझे नयनो के गलियारे से अपनी रूह में उतार दूँ.........! जिंदगी में तमन्ना बाकी न हो, मिल जाए तू अगर, संग तेरे बिगड़ी तकद