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Showing posts from March 12, 2018

माँ तेरी याद में. . . . . Hindi mother poem

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माँ की थपकीयो ने रात को, मुझे चैन की नींद सुलाया....! सुबह हुई तो माँ ने सर पे, हथ फेर के मुझे जगाया.....! पलकें खुलते ही माँ का वो, मुस्कुराता चेहरा नजर आया.....! चुम के माथे को माँ ने, मुझे बेटा कहे कर बुलाया.....! लिपड के अपनी माँ से, उस पल मैं बडा ही हर्षाया.....! अपनी माँ की सूरत में मानो, मुझे रब ही नजर आया......! गोद में उसकी सर रख कहा, माँ मुझे तू कुछ देर और सोने दे.....! बहने लगे आँखों से आँसू, पर माँ से उसे छुपाता रहा......! टूटना जाये कहीं ये ख्वाब मेरा, बस यही दुआ मैं मांगता रहा......!! माँ तेरी याद में....... प्रभात......

मुझको चरणों में तुम्हारे, एक ठिकाना चाहिए.........! Hindi bhajan.....

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मुझको चरणों में तुम्हारे, एक ठिकाना चाहिए.........! इस जिन्दगी के वास्ते, कुछ आबदाना चाहिए........! हनुमत चरणों में तुम्हारे  एक ठिकाना चाहिए.........! नित प्रति दिन सेवा करूँ  तेरे चरणों में रह कर.........! चरणों के स्पर्श का प्रभु, कुछ तो बहाना चाहिए........! हनुमत चरणों में तुम्हारे, एक ठिकाना चाहिए........! रुद्र की माला के साथ, नाम लेता रहूं दिन रात.........! बस तुम्हारे नाम का, मुझको तराना चाहिए.........! हनुमत चरणों में तुम्हारे, एक ठिकाना चाहिए..........! ता उम्र दिल में रहेगी, प्रभु सूरत आपकी..........! इस काम का मुझे भी, थोडा मेहनताना चाहिए..........! हनुमत चरणों में तुम्हारे, एक ठिकाना चाहिए..........! दुनिया की चकचोर में, गाफिल न हो जाऊं कही..........! मुझको तुम्हारे प्यार का, रिश्ता पुराना चाहिए..........! हनुमत चरणों में तुम्हारे, एक ठिकाना चाहिए..........! अब जा सकता नहीं, चरणों को तेरे छोड़ के.........! केवल तुम्हारे नाम का, मुझको खजाना चाहिए.........! हनुमत चरणों में तुम्हारे, एक ठिकाना चाहिए............!! 🙏जय सिया

प्रभु श्री राम..... Hindi prathna

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जब छोड़ चलु इस दुनिया को,  तब होठों पे नाम तुम्हारा हो........। स्वर्ग मिले या नर्क मिले,  ह्रदय में वास तुम्हारा हो........। तन पर राम नाम की हो चादर, जब गहरी नींद में सोया रहूँ.........! कानो में मेरे जो गुंजे,  वह नाम राम तुम्हारा हो.........। रस्ते में तुम्हारा मंदिर मिल जाए, जिस रस्ते मैं प्रस्थान करूँ.........! चौखट पे तेरी ओ मेरे दाता,  अंतिम मेरा प्रणाम हो........! अर्थी पर जब सज के निकलूं तेरा नाम से शुरू पथ मेरा हो........! उस वक्त प्रभु तुम आ जाना,  जब चिता पे शयन मेरा हो.......! मेरे मुख में तुलसी जल देना,  बस इतना काम तुम्हारा हो........! गर सेवा की हो मैंने तेरी,  तो उसका मुझे ये उपहार मिले..........! इस दास का ओ भगवन्, नहीं आना कभी भी दुबारा हो.........! जब छोड़ चलु इस दुनिया को,  तब होठों पे नाम तुम्हारा हो...........! चाहे स्वर्ग मिले या नर्क मिले,  ह्रदय में वास तुम्हारा हो......…...! ।। जय रघुनंदन ।।  ।। जय सियाराम ।। प्रभात.......