मगर ना जाने छूप गई है तू कहां..... Hindi love poem....
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तेरी तलाश में है दिल, तेरी ही आश लिए है...... मगर ना जाने छूप गई है तू कहां..... आंखों में बहोत ही बेचेनी है, बस एक नजर को तेरी...... मगर ना जाने छूप गई है तू कहां..... मैं तुमको प्यार करूँ कितना, पर तुमको खबर ही कहां..... मगर यकिन है बस ईतना की, तुम मीलोगी मुझे एक दिन..... सदा ही साथ रही तमन्ना यही, मगर ना जाने छूप गई है तू कहां.... तुझे ही सोचूं तुझे ही चाहूं, तेरा ही हर पल मैं इन्तज़ार करूँ...... मगर ना जाने छूप गई है तू कहां..... तू ही है जिन्दगी मेरी, ज़ीयूं मैं बस तेरे ही लिए...... मगर ना जाने छूप गई है तू कहां......!! प्रभात........ त...