डर लगता है अब मुझे, इस दुनियां में आने से.....!! Hindi daughter poem

डर लगता है अब मुझे, इस दुनियां में आने से...............! जहां घूमते हैं खुलेआम, भेडियें इस ज़माने में................! कैसे खुद को बचाऊंगी, इन वहशी हैवानों से................! बस हवस ही भरी है, आज के इंसानों में.................! न दया, न करूणा इनमें, न हीं बेटी का लिहाज है..........! बस जिस्म की भूख मिटाने, घूमता यहां हर शैतान हैं..........! लूटती है जब किसी, मासूम की अस्मत.................! उसके दर्द की चीखों से, रो पड़ता सारा आसमान है......! पर लोगों को कोई फर्क न पड़ता, कहते की अपनी कौन-सी ये रिश्तेदार है........! अखबार की सुर्खियों में होता, फिर उसकी इज्जत का व्यापार है........! दब जाती अंधे कानून की फाईलों में, उस मासूम की दर्द भरी हर चीख है............! प्रभात....... यह पोस्ट मासूम आसिफा को श्रद्धांजलि के रूप में समर्पित करता हूं