Subha Tere sang Badi suhani lagti hai......!! Hindi good morning poem

Subah Tere Sang,
Badi suhani lagti Hai........

Ye fiza bhi jaise,
Teri deewani lagti Hai.......

Bajati Hai jab,
Tere pairon ki paajeb.......

Sunke yah hawa bhi,
mastani lagti Hai........

khil uthati Hai kalaiyan,
Teri ek muskan se.........

Ye kaliyan bhi jaise,
teri deewani lagti Hai........

Bikhar jaaye jo zulfein Teri,
Saavn ki ghataon me........

Barasti Hai boondon me,
Teri mahak aane lagti Hai.........

Laharati Hai jab tu,
Apna anchal hawaon me.......

Kasam se Meri jaan........

Puri kaynaat me tu sabse,
haseen lagti Hai........!!!

Pravin..........✍



सुबह तेरे संग,
बड़ी सुहानी लगती है........

ये फिजा भी जैसे तेरी,
दीवानी लगती है........

बजती है जब,
तेरे पैरों की पाजेब........

सुन के ये हवा भी,
मस्तानी लगती है........

खिल उठती है कलियाँ,
तेरी मुस्कान से.........

ये कलियाँ भी जैसे,
तेरी दीवानी लगती है........

बिखर जाए जो जुल्फें तेरी,
सावन की घटाओं में..........

बरसती हुई बूंदों में
तेरी महक आने लगती है........

लहराये जब तू,
अपना आँचल हवाओं में........

कसम से मेरी "जान ".........

पूरी कायनात में तू सबसे,
हसीन लगती हैं.........!!


प्रविन.........✍

Comments

Popular posts from this blog

"माँ" के लिए मैं क्या लिखूं....? माँ ने तो खुद मुझे लिखा है.....Hindi suvichar

डर लगता है तुझे खोने से......!!! ( Dar lagta hai tujhe khone se..!!)Hindi love poem

चढाऊँ क्या तुझे भगवन.....?? प्रार्थना सुबह की....