सुबह की सुनहरी धूप.......G....M...... Hindi poem
सुबह की सुनहरी धूप, सब को जगाती हैं.......! कर्म से रोशन होगा, तेरा नसीबा.......! यह बात सबको, सिखाती है.......! कल नाकाम हुए, तो क्या हुआ.......! आज कोशिश तेरी, जरुर रंग लाएगी.......! सिख ले कुछ तू, बहती नदी से.......! जो पहाड़ों को चीर के, अपना रास्ता बनाती है.......! सुप्रभात दोस्तों 🔆🙏 प्रभात.........