क्या लिखूं मैं तुझ पे, तू है मेरी कविता... Hindi love poem
◑❍══✤ गजल ✤══❍◑ क्या लिखूं मैं तुझ पे, तू है मेरी कविता... निर्मल धारा के, जैसी तू बहती सरिता.... ◑❍══✤◈⊂💖⊃◈✤══❍◑ मस्त पवन सी तू, जब लहराये फिजा में, झुम उठती है धरती, खिल जाती हैं कलियाँ.... ◑❍══✤◈⊂💖⊃◈✤══❍◑ बोल मिसरी से मिठे, जब तू बोले लबो से, बाग में जैसे कोयल, कोई गीत गुन-गुनाए.... ◑❍══✤◈⊂💖⊃◈✤══❍◑ सजने सँवरने लगे, जब तू ऐ हसीन, तेरा रूप सलोना देख, दर्पण भी शर्माए.... ◑❍══✤◈⊂💖⊃◈✤══❍◑ बलखा के कमर, जब तू निकले है घर से, हर धड़कते दिल, की धड़कन बढ जाए..... ◑❍══✤◈⊂💖⊃◈✤══❍◑ मेरे महबूब तुझ पे, और क्या मैं लिखूं, मेरे गीत गजलों में, बस तुम ही तुम समाए..... ◑❍══✤◈⊂💖⊃◈✤══❍◑ क्या लिखूं मैं तुझ पे, तू है मेरी कविता, निर्मल धारा के, जैसी तू बहती सरिता.... ◑❍══✤◈⊂💖⊃◈✤══❍◑ 💞प्रभात💞 तेरा मेरा साथ रहे 👫