प्यार की भाषा,........ G.....M...... Hindi suvichar
प्यार की भाषा, बहुत अजीब है....... क्या तेरी क्या मेरी, आज सबकी यही तकदीर है.......! हजारों खुशियों के बीच भी, गम की खींची एक लकीर है........! वो इंसान ही क्या इंसान, जिसके मन में भेदभाव हो.........! जो बांटता दुनिया को प्यार, सबसे बड़ा बही फ़कीर होता है........! ये कैसा खेल है दुनिया का, समझ न पाया कोई भी........? कहने को बहुत है अपने पर, कोई एक ही दिल के बहुत करीब होता है........! मै कह न पाया जो लब्जों में, उसे कोई समझ गया ख़ामोशी से.........! मानों या ना मानो दोस्तों पर, दुनिया में प्यार की भाषा बहुत अजीब है.........!! सुप्रभात दोस्तों 🔆🙏 प्रभात.........