बेटी बोझ नहीं है ये दुनिया को बताओ न पापा.....!!! Hindi daughter poem
सुबह की सैर पर मुझे, अपने साथ ले चलो न पापा... चलते चलते मैं थक गई हूं मुझे गोदी में उठा लो न पापा... रात के अंधेरे से मुझे डर लगता है, अपने सीने से लगा लो न पापा... मम्मा तो सो गई है, आप ही थपकियां देकर मुझे सुलाओ न पापा... स्कूल तो पूरी हो गई है, अब काॅलेज भी जाने दो न पापा... पाल पोस कर अपने बड़ा किया है, अब खुद से तो जुदा मत करो न पापा... डोली में जब बिठा ही दिया है, अब आंसू तो मत बहाओ न पापा... आपकी मुस्कान अच्छी है, एक बार मुस्कुराओ न पापा... आपने मेरी हर बात मानी है, बस एक बात और मान जाओ न पापा...! इस धरती पर बोझ नहीं है बेटी, ये बात दुनिया को बताओ न पापा....!!! प्रभात.........