हे....प्रभु.....! G.....M..... hindi poem .....
हे....प्रभु.....! बस इतना करम तू मुझ पर करना....! आंखें मेरी जब भी खुलें तो, मेरी मां को तू मेरे सामने रखना.....! खफा ना होना कभी इस बात से की, तुझसे बढ़ कर मैंने अपनी मां को माना.....! पर जब भी देखी है मैंने मां की सूरत, उनकी सूरत में भी मैंने तुझे ही पाया......! शीश झुकाया जब मां के चरणों में, पूरा ब्रह्मांड भी मुझे वहीं नजर आया.....! लगाई जब मां के चरणों की धूल माथे, हर मुश्किल तब मुझे आशांन नजर आई.....! सर पे हाथ फेर जब दिया आशीर्वाद मां ने, तब प्रभु तेरी ही दुआओं का एहसास मैंने पाया.....! भक्तिभाव से कभी पुजा ना तुझे प्रभु.., मां-बाप की सेवा में ही मैंने तेरी भक्ति को पाया.....! सुप्रभात दोस्तों 🔆🙏 प्रभात......