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आज घुट के इंसान यहां जीते हैं.....!!! Hindi social poem

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सुबह घर से निकले तो, शाम को घर आते हैं.....! घर की खुशीयों के लिए, इंसान क्या कुछ नहीं करते है......! बढ़ती इस मंहगाई की दौर में, बस मिडिल क्लास ही पिसते है.....! कैसे बच्चों का भविष्य बनाएं, स्कूल काॅलेज भी कहां सस्ते हैं......! जैसे तैसे महिना पूरा करते, फिर पहली तारीख पे डरते हैं......! अपनी ख्वाहिशों का गला घोंट, आज घुट के इंसान यहां जीते है.....!! प्रविन........

आज जिंदगी बेहतर कहां है.......!!! Hindi social poem

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बीते पलों को याद करके, थोड़ा मुस्कुरा लेते हैं.. यारों....! आज जिंदगी बेहतर कहां है, बस किसी तरह जी लेते हैं.. यारों....! किसी को किसी के लिए फुर्सत कहां, सब अपने में ही मशगूल हैं.. यारों....! बस मोबाइल के जरिए ही अब तो, सब की हाल-खबर पूछ लेते हैं.. यारों....! ना तो है आज परिवारों में एकता, ना ही दिलों में कोई भाव है.. यारों.....! नक़ली मुखौटे में छुपा आज, दुनिया का हर इंसान है.. यारों......! जहां देखो वहां नफरत की, सभी उठा रहे दीवार है.. यारों......! लालच और हवस में आज, इंसान बन रहा हैवान है.. यारों.......!! प्रविन........✍️ Bite palon ko yaad karke, Thoda muskura lete hain...yaron.....! Aaj zindgi behtar kanha hai, Bas kisi tarah jee lete Hain...yaron.....! Kisi ko kisi ke liye fursat Kahan, Sab apne mehi masgul Hain...yaron....! Bas mobile ke jariye hi ab to, Sab ki haal-khabar puchh lete Hain...yaron.....! Na to hai parivaron me ekta, Na hi dilon me koi bhav Hain....yaron.....! Nakli mukaote me chhupa aaj, Duniya ka har insan...

हर रोज सुबह मेरी हसीन हो जाए........!!! Good morning poem

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Har roj subah Meri hasin ho jaye......! Tu aa kar jab mujhe neend se jagaye......! Tere bhige huye gesuno se girti hui boonde.....! Mere chehere ko bade pyar se bhigoye......! Mai dekhta rahun tujhe pyasi niganho se......! Or tu Sharma ke apna chehera chhupaye......! Tujhe banho me lekar Jo karun jora jori......! Teri kalai me kaanch ki chudi toot Jaye......! Chum kar mere galon ko fir tu kahe mujhse.....! Der ho rahi hai janu aap jaldi se uth Janye ......! Ghar se jab mai niklun office ko to......! Tera muskurata huva chehra mujhe nazar aaye......! Sambhal kar Jana or sham ko jaldi aana......! Itna kahe kar darwaje tak tu mujhe chhodne aaye......! Sach kaheta hun o priye Meri... subah Meri tab or hasin ho jaye, Tu aa kar jab mujhe neend se jagaye......! Pravin........ हर रोज सुबह मेरी हसीन हो जाए.........! तू आ कर जब मुझे नींद से जगाए..........! तेरे भीगे गेसुओं से गिरती हुई बूंदें, मेरे चेहरे को बड़े प्यार से ...

सुबह बड़ी अच्छी लगती हैं....... Hindi good morning poem

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अखबार की सुर्खियां, और चाय की चुस्कियां.... सुबह बड़ी अच्छी लगती है..... गुनगुनाते भंवरे और, रंग-बिरंगी तितलियां......... सुबह बड़ी अच्छी लगती है......... हरे भरे बागानों में, फूलों से लचकती डालियां........ सुबह बड़ी अच्छी लगती है.......... पत्तियों पे जमी ओस की बूंदें और, कोहरे में लिपटी वादियां............ सुबह बड़ी अच्छी लगती है........... पहाड़ों से गिरते झरने और, बहेती नदी की निर्मल धारा........... सुबह बड़ी अच्छी लगती है........... उड़ते पंछियों का नजारा और, उनके स्वर का मधुर तराना........... सुबह बड़ी अच्छी लगती है.......... ऐसा हो सुबह कुदरत का नजारा और, हाथों में हो हाथ तुम्हारा........... तो सुबह की सैर बड़ी अच्छी लगती हैं.......!! प्रविन........✍

फ़ुरसत के लम्हे....!! Hindi love poem

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फ़ुरसत के लम्हे, मैं आज निकाल लाया हूं.... मैं तेरे लिए सारा, कामकाज छोड़ आया हूं.... गुज़रेगा दिन आज, बस तेरे ही पहलू में.... मैं तेरे लिए प्यार के, तोहफे हजार लाया हूं.... सुनाऊंगा आज तुझे, तेरे रूखसार के नगमे.... मैं तेरे हुस्न को आज, अपनी ग़ज़लों में उतर लाया हूं.... महकेगा इश्क आज, हमारी बेपनाह मोहब्बत से.... आज मैं तेरी चाहत के, दरिया में डूबने आया हूं.... बड़ी मुश्किल से, फ़ुरसत के पल निकाल लाया हूं.... मैं तेरे लिए आज अपना, सारा काम-काज छोड़ आया हूं.... प्रविन.......✍ तेरा मेरा साथ रहे 👫💞 Fursat ke lamhe Main aaj nikaal laya hun.... Main Tere liye sara, kaam-kaaz chhod aaya hun.... Gujrega din aaj, Bas Teri hi pahelu me...... Main Tere liye pyar ke, Tohfe hazaar laya hun...... Sunaunga aaj tujhe, Tere rukhsar ke nagme..... Main Tere husn ko aaj, Apni gazlo me utar laya hun..... Mahekega ishq aaj, Humari be-panha mohabbat se..... Aaj Mai Teri chahat ke, Dariya me doobne aaya hun..... Badi mush...

हक़ से कहता हूं तू मेरी है.....!! Hindi love poem

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हक़ से कहता हूं तू मेरी है, जिंदगी तुम बिन अधूरी है....! खुशियां जो है मेरे इर्द गिर्द, सब तेरी ही तो मेहरबानी है....! रोज पुछती हो फ़िर भी तुम, क्या एहमियत तुझे मेरी है....! कहता हूं मैं बस इतना ही की, सांसे जीने के लिए जरूरी है....! ख्वाहिश नहीं और कुछ भी, तेरे साथ जीनी ये जिंदगानी है....! मुझे एतबार नहीं है किस्मत पे, बस एक तू ही मेरी तकदीर है....!!! प्रभात......... तेरा मेरा साथ रहे 👫💞

मौसम की पहली बारिश का मज़ा ही कुछ और है...!! Hindi Monsoon poem

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मौसम की पहली बारिश का, मज़ा ही कुछ और है... बरसती हुईं इन बूंदों का, नशा ही कुछ और है... क्या बच्चे क्या बड़े, हर कोई झुमने लगता है... लगे आसमां से तो जैसे खुशियां ही बरसने लगती है... कहीं चलती है नाव कागज की, तो कहीं गीत सावन के बजते हैं... भीगते हुए बच्चों को देख, हम खुद को की कहां रोक पाते हैं... यह देख जब चिल्लाए जो श्रीमती, तब हम उन्हें भी भीगो दिया करते हैं... थोड़ी शरारत और मस्ती में, सभी मुस्कुरा दिया करते हैं... गर्म पकोड़े और चाय के साथ, फिर बड़े मज़े की दावत होती है... तभी तो.... मौसम की पहली बारिश का, मज़ा ही कुछ और है.... बरसती हुईं इन बूंदों का  नशा ही कुछ और है.... प्रविन.........