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वो इंसान आज ना जाने कहां खो गये हैं.....!!! Hindi suvichar

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जाने क्यूं अब शर्म से चेहरा गुलाब नहीं होता जाने क्यूं अब मस्त मौला मिजाज नहीं होता पहले बता दिया करते थे दिल की सारी बात  जाने क्यूं अब चेहरा खुली किताब नहीं होता सुना है बिन कहे ही दिल की बात समझ लेते थे गले लगते ही दोस्त दिल के हालात समझ लेते थे तब ना फेसबुक ना स्मार्ट फोन ना ट्वीटर पर था एकाउंट  बस एक चिट्ठी से ही दिल के जज़्बात समझ लेते थे सोचता हूं आज हम ‌कहां से कहां आ गए व्यवहारिकता को सोचते सोचते भावनाओं को खा गए अब भाई भाई से समस्या का समाधान कहां पुछता है अब बेटा बाप से उलझनों का निदान कहां पुछता है अब बेटी नहीं पुछती मां से गृहस्थी के सलीके अब कौन गुरु से ज्ञान की परिभाषा सिखता है परियों की बातें अब किसे भाती है  अपनों की याद अब किसे रुलाती है अब कौन‌ गरीब को अपना सखा बताता है अब कहां कृष्ण सुदामा को गले लगाता है जिंदगी में अब हम केवल व्यवहारिक हो गये है वो इंसान आज ना जाने कहां खो गये है  हम सब तो केवल एक मशीन बन गये हैं प्रभात...........

बोल उठती है तस्वीर भी...!!! Hindi suvichar

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बोल उठती है तस्वीर भी... मन से एक बार बुलाकर तो देखिए, कभी अपने दिल की बात  प्रभु को सुनाकर तो देखिए, देते हैं वो सब की बातों का जवाब, कभी अपने दिल की बात बताकर तो देखिए, होगा एक दिल तुम को भी अपनी किस्मत पर नाज़, चरणों में उनके शीश झुकाकर तो देखिए..........!!! जय श्री हरि 🙏 प्रभात.............

गर आँसू तेरी आँख का होता.....!!! Hindi love poem

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                गर आँसू तेरी आँख का होता..                   """"""""""💠""""""""                   गर आँसू तेरी आँख का होता,                                          गिरता गाल को चुमते हुए,                                          फिर गिर के तेरे होठों पर,                                       फना हो जाता वहीं हॅसते हुए,                                      पर                 जो तुम होती मेरी आँख का आसु, '  ...

मैं अपने वतन की खातिर, अपना घर-बार छोड़ आया हूँ.....!! Hindi Desh bhakti poem

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एक सैनिक मन की बात.... किसी गजरे की खुशबु को, महकता छोड़ आया हूँ,  मेरी नन्ही सी चिड़िया को, चहकता छोड़ आया हूँ,  जिसने कांधे पर मुझे बिठाया, उस पिता को भी छोड़ आया हूँ,  मुझे छाती से अपनी तू, लगा लेना ऐ भारत माँ,  मैं अपनी माँ की बाहों को, तरसता छोड़ आया हूँ, मैं अपने वतन की खातिर, अपना घर-बार छोड़ आया हूँ,  वंदे मातरम् 🙏 जय मां भारती 🙏 प्रभात..........

जमाना तो आखिर ऐसा ही है......!!! Hindi suvichar

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सुनने की आदत डालो, ताने मारने वालों की कमी नहीं है..... मुस्कुराने की आदत डालो, रूलाने वालों की कमी नहीं है.... उपर उठने की आदत डालो, गिराने वालों की कमी नहीं है.... प्रोत्साहित की आदत डालो, हताश करने वालों की कमी नहीं.... सच्चा व्यक्ति ना तो नास्तिक होता है, ना ही आस्तिक होता है.... छोटी छोटी बातें दिल में रखने से, बड़े बड़े रिश्ते कमजोर हो जाते हैं.... कभी पीठ पिछे आपकी बात चले तो, घबराना मत.... क्योंकि.... बात तो उनकी होती है, जिनमें कोई बात होती है.... निंदा उसी की होती है, जो जिंदा होते हैं..... मरने के बाद तो‌, सिर्फ तारिफ ही होती है.....!!! प्रभात.........

बिना माँ और पा के क्या है सब कुछ.....!!! Hindi Being human poem

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आँखे खोली बिछड़ा सब कुछ बिना माँ और पा के क्या है सब कुछ दुनियाँ का गन्दा नाला पीता रहा बड़ा हुआ कैसे ये मुझे ना याद रहा सीखा ना कुछ भी ना शिक्षा मिली रोज मुझे नीत नवी मंजिल मिली उदर पीड़ा ने क्या क्या सिखाया मेहनत ने तो मुझे कई बार भूखा सुलाया फिर भी कांटो पे चलता था रोज पानी सा रास्ता बना के चलता था बेकाबू सा मन था मेरा काबू ना कर पाता था   एक तो उदर पीड़ा दूसरा समाज सताता था मै गरीब सही मेरा ईमान गरीब नही है   मै भूखा नंगा सही पर मेरे ख़्वाब नग्न नही है चल रहा हूँ उस रास्ते पे चलता रहूँगा हमेशा चाहे भूख से मर जाऊं पर अपना ईमान ना बेचूंगा प्रभात.........

मैं....और....वो.....!!! Hindi love poem

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                         मैं और वो.... मैं सुबहा की पहेली किरण हुं तो,              वो शाम सी मदहोश है.... मैं अगर रस का प्याला हुं तो,              वो मदिरा का कोस है.... मैं ईश्क नदियों सा हुं निर्मल तो,              वो प्यार सागर सा गहेरा है.... मैं धुंध अगर हुं ओस का तो,              वो चाँदनी का पहेरा है.... मैं अगर मंडराता बेताब भंवरा हुं तो,              वो गुलाब सी कमसीन कली है.... मैं जो ठहरा शांत सरोवर हुं तो,             वो उछलते झरने सी मंनचली है..…. मैं अगर दो नैंन हुं तो,   ...