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चुनो उसे जो लायक़ हो..!!! Hindi election poem

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चुनो उसे जो लायक़ हो.. चाहे किसी भी पक्ष से वो आया हो.. लोभ लालच ना हो जिसमें बस देश हित ही उसमें चाहत हो.. नेता खुद को ना समझ कर, जो खुद को जन सेवक समझता हो.. जिसे अमीरों से पहले, देश के गरीबों का खयाल आता हो.. महलों में ना रह कर, जो लोगों के बीच में हमेशा रहता हो.. सुनकर लोगों की समस्या  उसका तुरंत ‌समाधान जो लाता हो.. अपनी जीत का ना जश्न मनाकर, हर एक वोट की कीमत जो जानता हो.. ले कर संविधान की शपथ, अपने कार्य को जो पूरे ईमान से करता हो.. अबकी चुनें हम ऐसी सरकार, जो देश हित के लायक हो.. वंदे मातरम् प्रभात.......

जीवन होता बहुत सरल....!!! Hindi suvichar

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जीवन होता बहुत सरल है, बस इसे उलझाइए नहीं...! आइए बैठिए चाय पिजिए, पर जाइए नहीं....! मुश्किलें आज हैं, कल नहीं होगी, बस घबराइए नहीं....! जख्म़ है हर तो मरहम लगाइये, उसे खुजाइए नहीं....! जो आज तुम्हारा है वो कल किसी और का होगा, इस परिवर्तन से घबराइए नहीं....! कोई कैसा भी हो, आपकी जिंदगी का वो हिस्सा है, याद करते रहिए उसे भुलाइए नहीं....! जिंदगी छोटी ही सही, सबसे दोस्ती रखिए, पर दिल हर किसी से लगाइए नहीं....! प्रभात......

प्यार में ना हमसे कोई खता हो जाए.....!!! Hindi love Poem

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प्यार में ना हमसे कोई खता हो जाए, की हम उनसे वो हमसे जुदा हो जाए... रोएंगे फिर दोनों ही एक दुसरे के लिए, गलतफहमी कहीं दूरी की वजह न बन जाए... हो जाती है लड़ाई महज़ एक छोटी सी बात पे, कहीं ऐसा ना हो की कोई बात दिल पे लग जाए... परवाह रहती हमें अक्सर एक-दूसरे की बहुत, उसे खिलाए बगैर मुझसे भी ना कुछ खाया जाए... गुस्से में तो न जाने क्या कहें देते हैं हम दोनों, फिर कोसते हैं खुद को बातें सारी जब याद आए... पता है ये की दो जिस्म मगर एक जान हैं हम, फिर एक दूसरे के बिना हमसे कैसे ज़िया जाए.... प्रविन...........✍ तेरा मेरा साथ रहे 👫💞 Pyar me na humse, koi khata ho jaye, Ki hum unse, wo humse juda ho jaye, Royenge fir dono hi, ek dusre ke liye, Galatfahmi kanhi doori ki, wajah na ban Jaye, Ho jati hai ladai mahaz ek, Chhoti si baat pe, Kanhi aisa na ho, koi baat Dil pe lag Jaye, Parwah rahti Hume, aksar ek-dusre ki bahut, Use khilaye bager mujhse bhi, na kuch khaya Jaye, Gusse meto na Jane Kya kuchh, kahe dete hain hum dono, F...

जिंदगी से शिकायत तो सबको है....!!! Hindi suvichar

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जिंदगी से शिकायत तो सबको है, पर जिंदगी को समझता यहां कौन है... जितना मिला हमें नसीब से मिला, पर अपने नसीब से संतुष्ट यहां कौन है... पेट भरने को तो दो वक्त की रोटी है काफ़ी, पर अपनी नीयत को भरता यहां ‌‌‌‌‌कौन है... डिग्रीयां तो बहुत ही हासिल करली हमने, पर संस्कारों को अपनाता यहां कौन‌ है... बस मतलब से ही है हमारा नाता सबसे, रिश्ते को दिल से निभाता यहां कौन है... सबकुछ लुटा देते हैं मां-बाप औलाद की खातिर, पर श्रवण बन के उनकी सेवा करता यहां कौन है...!! प्रविन........✍️ Zindgi se shikayat, to sabko hai, Par zindgi ko samajhta, yanha kaon hai, Jitna mila Hume, nasib se Mila, Par apne nasib se, santusth yanha kaon, Pet bharne ko to, do waqt ki roti hai kafi, Par apni niyat ko, bharta yanha kaon hai, Digreyan to bahot, hasil Karli Hume, Par sanskaro ko, apnata yanha kaon hai, Bas Matlab se hi hai, humara nata sabse, Par Dil se rista, nibhata yanha kaon hai, Sab-kuchh luta dete Hain, maa-baap apni  Aulad ki khatir, Par Shravan ba...

किसने कहा दोस्त आज़मा के मिलते हैं....!!! Hindi suvichar

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लोग चेहरे पे चेहरा लगा के मिलते हैं.... मसलहत हम भी मुस्कुरा के‌ मिलते हैं.... हमारी सरबुलंदी दुआओं का नतीजा है.... हम बुजुर्गों से भी सर झुका के मिलते हैं.... वहीं तक हमारी चाहत की इंतहा है.... जहां ये ज़मीं आसमां जाके मिलते हैं.... गलतफहमियां इस कदर दिलों में है.... दोस्त भी अब खंजर छिपा के मिलते हैं.... परखने से दौलत वफ़ा की नहीं मिलती.... किसने कहा दोस्त आज़मा के मिलते हैं....!!! प्रभात........ 🌞🙏

मां ही दुनिया की सबसे बड़ी दौलत है......!!! Hindi suvichar

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मेरी दुनिया में इतनी जो शौहरत है, वो मेरी मां की बदौलत ‌है....! ऐ मेरे भगवान् तू और क्या देगा मुझे, मेरी मां ही मेरी सबसे बड़ी दौलत है....! क्या मंदिर, क्या मस्जिद, क्या गंगा की धार करे, वो घर ही मंदिर जैसा होता है, जिस घर में औलाद मां-बाप का सत्कार करे.....!! Miss you maa.....😥 प्रभात..........

बिक रहा है यहां सबकुछ......!!! Hindi suvichar

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बिक रहा है पानी,            डर है कहीं पवन न बिक जाए.....! बिक गई है धरती,           डर है कहीं गगन न बिक जाए......! चांद पर भी बिकने लगी है ज़मीं,          डर है कहीं सूरज की तपन न बिक जाए......! हर तरह बिकने लगा है ‌लोगों का ईमान,          डर है कहीं धर्म न बिक जाए......! देकर दहेज यहां खरीदे जाते दुल्हे,           ‌कहीं उनके ही हाथों दुल्हन न बिक जाए.....! रिश्र्वत के बाजार में आज बिकता है हर अधिकारि,           डर है कहीं लोगों का अधिकार न बिक जाए.....!             सरेआम अब तो बिकने लगे हैं नेता,            डर है कहीं इनके हाथों ये वतन न बिक जाए.....! मर कर भी अब खुली रह जाती है इंसान की आंखें,             डर है कहीं मुर्दों का कफ़न न बिक जाए.....!! प्रविन..........✍ Bik Raha Hai Pani,        Da...