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यही दुनिया का उसूल है.......!!! Hindi suvichar

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जबसे परीक्षा वाली जिंदगी पूरी हुई.... तबसे जिंदगी की परीक्षा शुरू हो गई.... आज मुझे एक अनुभव हुआ, अपने मोबाइल से.... जब अपना ही नंबर लगा कर देखा, तो यह आवाज़ आई.... The Number you have, call is busy.... किसी ने क्या खूब कहा है... औरों को मिलने में दुनिया मस्त है, पर खुद से मिलने की सारी लाईनें व्यस्त है... कोई नहीं देगा साथ तेरा यहां, हर कोई यहां खुद में मशगूल हैं.... दोस्तों यही दुनिया का उसूल है.....!!! प्रभात........

तब बर्दाश्त नहीं होता.......!!! Hindi desh bhakti poem

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तब बर्दाश्त नहीं होता....... जब बात करता पाक अमन की, और आतंक को जन्म देता है....! बढ़ा कर दोस्ती का हाथ, फिर पीठ में छुरा घोंपता है....! तब बर्दाश्त नहीं होता....... जब देश के जवानों पर, धोखे से वार होता है....! इस देश में रहने वाला ही, जवानों पे पत्थर फेंकता है....! तब बर्दाश्त नहीं होता........ जब शहिदों की शहादत पर, कोई राजनीति करता है....! दुश्मनों की आलोचना के बदले, उनकी ही हिमाकत करता है....! तब बर्दाश्त नहीं होता......... जो खाता तो है हिन्दुस्तान की, और गुणगान पाकिस्तान के गाता है....! वंदे मातरम् की जगह, पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाता है....! तब बर्दाश्त नहीं होता......... कब बदलेगी भारत की सूरत...? कब होगी सुख-शांति और समृद्धि का आगमन...? वंदे मातरम् 🙏 प्रभात..........

तब दर्द सहा नहीं जाता.....!!! Hindi suvichar

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                  तब दर्द सहा नहीं जाता है..   जीवन के इस भाग दौड़ में तब दर्द सहा नहीं जाता है   जब एक बच्चा सड़को पे रोटी के लिए हाथ फैलता है   बाप बेचारा करता भी क्या बुढा अब वो जो हो चला   हाथ पकड़ के उठना चाहा पर बेटा बैसाखी दिखाता है                    तब दर्द सहा नहीं जाता है   बेटे- बहु को फुरसत ही कंहा सजने और सवरने से     बूढी माँ किचन में खड़ी रोती आँखों को धोती है   वो बिटिया जो सबसे प्यारी थी सबकी राजदुलारी थी उस बेटी को दहेज़ के लिए जब ज़िंदा जला दिया जाता है                       तब दर्द सहा नहीं जाता है उम्र थी खिलौने खेलने कि तब पत्थर उठवा दिया जाता है  हिन्दू -मुस्लमान के दंगो में इंसान को जला दिया जाता है   वो टूटी छप्पर जिससे गरीबी अपना तन ढका करती है  उस छप्पर में भी एक दिन जब आग लगा दि जाता है               ...

घर आए जब खून से लथपथ भारत देश के वीर जवान... Hindi desh bhakti poem

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टूट गई हाथों की चूड़ी, उजड़ गया माथे का सिन्दूर... घर आए जब खून से लथपथ, भारत देश के वीर जवान... रोते बिलखते बच्चे पुछे, पापा मेरे कहां गए...? कैसे बताएं उन मासूमों को, अब पापा उनके नहीं रहे... घर का था वो एक सहारा, बुढ़े मां-बाप की आंखों का तारा... रोशन था जिस बेटे से घर, वो चिराग ही अब बुझ गया... पुलवामा के शहिदों की शहादत, हमसे यह कह रही... जली है जो सीने में आग, इसे हमेशा जलाए रखना... आज मर-मिटे है हम इस वतन पर, और भी मिटने को तैयार हैं... डाली जो बुरी नजर इस देश पर, उसका करना हमें बुरा हाल है... सलाम है मेरे भारत के वीर शहिदों को✊ वंदे मातरम् 🙏 प्रभात............

बर्दाश्त की अब हद हो गई....!!! Hindi desh bhakti poem

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बर्दाश्त की अब हद हो गई, माफी की अब नहीं गुंजाइश है.... पाकिस्तान तुझे तो अब, तेरी औकात हमें दिखानी है.... बहाया जो लहू जवानों का तुने, उसकी भारी किमत तुझे चुकानी है.... मिटा कर तेरा नामोनिशान, आतंक को हमें सबक सिखानी है.... दिवालिया हो गई है तेरी हालत, अब भूखमरी की भी तैयारी है.... आतंकवाद को बढ़ावा देकर, तुने अपनी शामत बुलाली है.... ख़ून खौल उठा है भारत का, तुझे धुल तो अब हमें चटानी है.... भूल गया है तू शायद हिन्दुस्तान की ताकत, अब तुझे हमें अपनी ताकत दिखानी है.... पिठ पर वार करना आदत नहीं हमारी, तेरे सीने में तलवार उतारनी है.... बर्दाश्त की अब हद हो गई, माफी की अब नहीं गुंजाइश है.... पाकिस्तान तुझे तो अब, तेरी औकात हमें दिखानी है....!!! वंदे मातरम् 🙏 जय हिन्द ✊जय भारत मेरे देश के सभी शहिद जवानों को इस कविता के माध्यम से श्रद्धांजली अर्पित करता हूं प्रभात........

सच में औरतें बेहद अजीब होती है..... Hindi woman's poem

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सच में औरतें बेहद अजीब होती है..... छोड़ कर अपना घर आंगन, नये घर को वो अपनाती..... रिश्ते नाते सारे पीछे छोड़, नये रिश्तों में वो ढल जाती..... भूल कर अपना अस्तित्व, नये नाम से वो जुड़ जाती..... बहु, पत्नी, और मां बन कर, सरे रिश्ते वो खूब निभाती..... सुख मिले या दु:ख मिले, सब हंसते हंसते अपनाती..... खुद की ख्वाहिशें भूल के, सब के अरमान वो पूरा करती.... जन्म तो लेती है वो मायके में, पर अर्थी पे ससुराल से निकलती..... सच में औरतें बेहद अजीब होती है.....!!! प्रभात.........

जिंदगी एक पल है.....!!! Hindi suvichar

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जिंदगी एक पल है, जिसमें न आज है न कल है.... जी लो इसको इस तरह से की, जो भी आपसे मिले वो यही कहे... बस यही मेरी जिंदगी का, सबसे हसीन पल है... एक अजीब सी दौड़ है, ये जिंदगी की... जीत जाओ तो, कई अपने पीछे छूट जाते हैं... और हार जाओ तो‌, अपनें ही हमें पीछे छोड़ जाते हैं...!!! प्रभात........