तब दर्द सहा नहीं जाता.....!!! Hindi suvichar


                  तब दर्द सहा नहीं जाता है..

  जीवन के इस भाग दौड़ में तब दर्द सहा नहीं जाता है
  जब एक बच्चा सड़को पे रोटी के लिए हाथ फैलता है

  बाप बेचारा करता भी क्या बुढा अब वो जो हो चला
  हाथ पकड़ के उठना चाहा पर बेटा बैसाखी दिखाता है

                   तब दर्द सहा नहीं जाता है

  बेटे- बहु को फुरसत ही कंहा सजने और सवरने से
    बूढी माँ किचन में खड़ी रोती आँखों को धोती है

  वो बिटिया जो सबसे प्यारी थी सबकी राजदुलारी थी
उस बेटी को दहेज़ के लिए जब ज़िंदा जला दिया जाता है

                      तब दर्द सहा नहीं जाता है

उम्र थी खिलौने खेलने कि तब पत्थर उठवा दिया जाता है
 हिन्दू -मुस्लमान के दंगो में इंसान को जला दिया जाता है

  वो टूटी छप्पर जिससे गरीबी अपना तन ढका करती है
 उस छप्पर में भी एक दिन जब आग लगा दि जाता है

                   तब दर्द सहा नहीं जाता है




प्रभात........

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