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कलयुग की नारी की व्यथा......!!! Hindi suvichar

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स्त्री ने जब पिता से प्यार किया, तो दुनिया ने उसे "आदर्श बेटी" कहा.... स्त्री ने जब भाई से प्रेम किया, तो दुनिया ने उसे "प्यारी बहन" कहा.... स्त्री ने जब पति से प्यार किया, तो दुनिया ने उसे "संस्कारी बहू" कहा.... स्त्री ने जब बेटे से प्यार किया, तो दुनिया ने उसे "ममता की मूरत" कहा.... पर स्त्री ने जब जब एक पुरुष से प्यार किया, तो दुनिया ने उसे "चरित्रहीन" कहा.... क्या स्त्री के लिए पुरुष सिर्फ, पिता, पति, भाई या बेटा ही हो सकता है... क्या एक पुरुष और स्त्री, "अच्छे दोस्त" नहीं हो सकते......??? प्रभात.........

ख्वाबों में तुम जब भी आते हो.... Hindi love poem

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ख्वाबों में तुम जब भी आते हो.... मुस्कुराते हुए चले जाते हो....  मैं पुछता हूं क्या कमी है मुझमें, जाना मुझे क्यूँ इस तरह सताते हो.... दिल क्या ढूंढता है दर-बदर, तुम जो उजालों में न नजर आते हो.... मिलने की कोशिश तो करो एक बार, हंसा कर फिर क्यूँ रुला जाते हो.... रोज-ब-रोज अपनी अदा ओं से, मेरी तड़प और कशिश क्यूँ बढाते हो.... ना जाने क्यूँ ऐसा करती हो तुम.? खुद चैन से सो कर मुझे सारी रात जगते हो....!!! प्रभात....... तेरा मेरा साथ रहे 👫💞

वृद्धाश्रम....!!! Hindi family poem

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कभी फुर्सत मिले तो, उस घर भी जा आना...... जहां पढ़े-लिखे औलादों के, बुढ़े मां-बाप रहा करते हैं...... पलकों में दर्द के आंसू छुपाए, चेहरे से मुस्कुराया करते हैं..... लाख बुराईयां हो बेटे में, पर उनकी तारीफ ही किया करते हैं..... क़िस्से सुनाते हैं उनके बचपन के सब को , फिर हंसते हंसते अचानक रो दिया करते हैं..... बस इतना कहना है  उन बेटों से..... जिन्हें बोझ समझ छोड़ आए थे वृद्धाश्रम, वह मां-बाप आज भी तुम्हें याद किया करते हैं....!!! रूला कर अपने मां-बाप को, खुश तुम भी ना रहे पाओगे... करोगे जैसा व्यवहार उनसे, कल वैसा ही अपनी औलाद से पाओगे......!! प्रभात...........

रब ने कहा सुन ए बंदे.....!!! Hindi suvichar

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रब ने कहा सुन ए बंदे..... तू हिन्दू के जैसा, दया और दान रखना... सिख की तरह, दिलेरी और शान रखना... ईसाई की तरह, प्यार और तहजीब रखना... मुसलमान की तरह, दिल और ईमान रखना... जानवर तो बनाए हैं मैंने, चौरासी लाख... पर तू खुद को, इंसान रखना.....!!! प्रभात.........

बहुत याद आते हो तुम, और तुम्हारी बातें...!!! Hindi love poem

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बहुत याद आते हो तुम, और तुम्हारी बातें... वो साथ बीते पल, और सारी मुलाकातें.... वह सर्दियों का मौसम, और जाटों की नर्म धूप.... लहराते हुए खेत में, खिले सरसों के फूल.... कड़वे नीम की वो मीठी छांव, जहां बैठे थे साथ हम... बहते नहरों के पानी में, बजती थी जैसे कोई धुन, सर्द हवाओं में जब, उड़ती थी तुम्हारी जुल्फ... लटों को संवारते, होश मेरे हुए थे गुम... बाहों में तुम्हें भर के, बस निहारते रहे हम-तुम... बिन बोले ही सब कहते रहे, एक दूसरे से हम... लबों को लबों ने जब छुआ तो, सांसें हुई थी गर्म... वह पहले प्यार का पहला एहसास, जिसे भूलें ना आज भी हम और तुम......!!! प्रभात💞प्रतिभा........ तेरा मेरा साथ रहे 👫💞

ऐसा हो हर घर परिवार.......!!! Hindi suvichar

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डांट, प्रेम, और अनुशासन से, बनता है परिवार.... मात पिता और‌ बुजुर्गो का, जहां होता हो सम्मान..... बडे बुजुर्गो के अनुभवों का, जिसमें होता हो संचार..... पिता की गैरमौजूदगी में, बड़े भाई में छलके पिता का प्यार..... बहन की आंखों में दिखे, जहां मां जैसा दुलार..... सास मानें बहू को बेटी, और बहू करें सास से मां जैसा व्यवहार..... उस घर में खुशीयों की, रहती सदा बहार..... जब हो हर घर में, ऐसा परिवार.......!!! प्रभात.........

जीवन मेरा सरल था यारों.......!!! Hindi suvichar

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जीवन मेरा सरल था यारों न जाने कितनों को चुभ गया.... बहुतों ने मुझसे पुछा की, आखिर जिंदगी में किया क्या.... मैंने हंस कर इतना ही कहा... दोस्तों को मैंने अपना माना, हर रिश्ते को मैंने प्यार दिया, न किसी को कभी धोखा दिया, न ही किसी के पीठ पीछे वार किया..... अपने दिल की हर बात को, अपने फसानों में मैं लिखता ही रहा.....!!! प्रभात.........