कलयुग की नारी की व्यथा......!!! Hindi suvichar
स्त्री ने जब पिता से प्यार किया,
तो दुनिया ने उसे "आदर्श बेटी" कहा....
स्त्री ने जब भाई से प्रेम किया,
तो दुनिया ने उसे "प्यारी बहन" कहा....
स्त्री ने जब पति से प्यार किया,
तो दुनिया ने उसे "संस्कारी बहू" कहा....
स्त्री ने जब बेटे से प्यार किया,
तो दुनिया ने उसे "ममता की मूरत" कहा....
पर स्त्री ने जब जब एक पुरुष से प्यार किया,
तो दुनिया ने उसे "चरित्रहीन" कहा....
क्या स्त्री के लिए पुरुष सिर्फ,
पिता, पति, भाई या बेटा ही हो सकता है...
क्या एक पुरुष और स्त्री,
"अच्छे दोस्त" नहीं हो सकते......???
प्रभात.........
तो दुनिया ने उसे "आदर्श बेटी" कहा....
स्त्री ने जब भाई से प्रेम किया,
तो दुनिया ने उसे "प्यारी बहन" कहा....
स्त्री ने जब पति से प्यार किया,
तो दुनिया ने उसे "संस्कारी बहू" कहा....
स्त्री ने जब बेटे से प्यार किया,
तो दुनिया ने उसे "ममता की मूरत" कहा....
पर स्त्री ने जब जब एक पुरुष से प्यार किया,
तो दुनिया ने उसे "चरित्रहीन" कहा....
क्या स्त्री के लिए पुरुष सिर्फ,
पिता, पति, भाई या बेटा ही हो सकता है...
क्या एक पुरुष और स्त्री,
"अच्छे दोस्त" नहीं हो सकते......???
प्रभात.........
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