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हे प्रभु .....प्रार्थना ....G....M....Hindi poem

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हे प्रभु ..... हर रोज सुबह मैं बस, तेरा नाम ही रटना चाहूं..... नींद आए तो तेरे नाम से, और....…. तेरे नाम से ही जगना चाहूं..... ना चाहुं मैं धन दौलत, मैं तो बस मन का सुकून ही चाहूं..... तू जिस रस्ते पर चलाए, मैं उस रस्ते ही चलना चाहूं..... क्या सही है और क्या ग़लत, इतना भी मुझको ज्ञान नहीं.... हर कार्य आरंभ से पहले, मैं नाम तेरा ही लेना चाहूं..... तू जिस हाल में रखे मुझे, मैं उस हाल में रहना चाहूं..... कभी खफा ना हो जाए तू मुझसे, बस इतनी अरज प्रभु मैं करना चाहूं..... सुप्रभात 🔆🙏 प्रभात.....

एक ख़त मेरे नाम आया है.....! Hindi love poem

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एक ख़त मेरे नाम आया है.....! ख़त में उसने दुआ और सलाम भेजा है......! हाल कैसा है मेरा यह सवाल भेजा है.....! कैसे बित रहें हैं लम्हें हमारी जुदाई के......, उसने हर लम्हों की पुरी दास्तां भेजा है.....! कभी मुस्कान तो कभी आंखों में आसूं....., याद में उसने अपना पुरा हाल भेजा है.....! उसे मालूम है मेरी हर खुशी की वजह......, इस लिए ख़त में अपनी तस्वीर भेजी है....! चुम लिया उसके लिखे हर अल्फ़ाज़ को...., दूर हो कर भी बेइंतहा जो प्यार भेजा है....!! प्रभात....... तेरा मेरा साथ रहे 👫

मुहब्बत के मुकद्दर में वो हसीं शाम कभी होती.....sad love Hindi poem ....

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मुहब्बत के मुकद्दर में वो हसीं शाम कभी होती सोचता हूं ये जिंदगी तो उसके नाम कभी होती जो फूल उसकी जुल्फों तक नहीं पहुंच सका उसे तोड़ने को वो दिल से परेशान कभी होती मुझे पत्थर समझकर जो हमेशा तराशती रही उस खुदा से हमारी दुआ सलाम कभी होती जिसको देखा किए हर शब उल्फत के आइने में वह अक्स हमारे आशियां की मेहमान कभी होती प्रभात....

चढाऊँ क्या तुझे भगवन.....?? प्रार्थना सुबह की....

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🙏🌹प्रार्थना 🌹🙏 कोई सोना चढाए , कोई चाँदी चढाए ; कोई हीरा चढाए , कोई मोती चढाए ; चढाऊँ क्या तुझे भगवन ; कि ये निर्धन का डेरा है ; अगर मैं फूल चढाता हूँ , तो वो भँवरे का झूठा है ; अगर मैं फल चढाता हूँ , तो वो पक्षी का झूठा है ; अगर मैं जल चढाता हूँ , तो वो मछली का झूठा है ; अगर मैं दूध चढाता हूँ , तो वो बछडे का झूठा है ; चढाऊँ क्या तुझे भगवन ; कि ये निर्धन का डेरा है ; अगर मैं सोना चढ़ाता हूँ , तो वो माटी का झूठा है ; अगर मैं हीरा चढ़ाता हूँ , तो वो कोयले का झूठा है ; अगर मैं मोती चढाता हूँ , तो वो सीपो का झूठा है ; अगर मैं चंदन चढाता हूँ , तो वो सर्पो का झूठा है ; चढाऊँ क्या तुझे भगवन, कि ये निर्धन का डेरा है ; अगर मैं तन चढाता हूँ , तो वो पत्नी का झूठा है ; अगर मैं मन चढाता हूँ , तो वो ममता का झूठा है ; अगर मैं धन चढाता हूँ , तो वो पापो का झूठा है ; अगर मैं धर्म चढाता हूँ , तो वो कर्मों का झूठा है ; चढाऊँ क्या तुझे भगवन , कि ये निर्धन का डेरा है ; तुझे परमात्मा जानू , तू ही तो है – मेरा दर्पण ; तुझे मैं आत्मा जानू , करूँ मैं आत्मा अर्पण. सुप्रभात दोस्तों...

मैं भी कितनी पगली हूं ...... Hindi love poem....

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मैं भी कितनी पगली हूं ना, बिन जिवन के जीना चाहूं,                       ओढ़ के चुनरिया धानी,                       संग सजन के रहना चाहूं, नगरी अपनी छोड के सारी, दिल की बस्ती बसाना चाहूं,                      मैं भी कितनी पगली हूं ना...., सब रंग छोड के अपने, पिया के रंग में रंगना चाहूं,                     नींदया अपनी छोड के,                     उनके ख्वाबों में बसना चाहूं, दिल में उनकी चाहत के अरमा लिए, उनकी रूह में बसना चाहूं,                     मैं भी कितनी पगली हूं ना, दु:ख दर्द सारे भूल के अपने, उनके साथ खुश रहना चाहूं,                     छोड बाबूल का अंगना अब,           ...

दुनिया की सच्चाई.......G...M..... सुविचार

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कुदरत का सबसे बडा सच कुदरत का सबसे बडा सच... यदी आप फूलौ पे सो रहे है तो ये... आपकी फस्ट नाइट है... और... यदी फूल आप पर सो रहे है तो ये आप... की लास्ट नाइट है l... अजब तेरी दुनिया... गज़ब तेरा खेल... मोमबत्ती जलाकर मुर्दों को याद करना... और मोमबत्ती बुझाकर जन्मदिन मनाना... प्रभात...... सुप्रभात दोस्तों 🔆🙏

राज आंखों का..... Love Hindi poem

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राज आँखों का अब मैं छीपाऊं कैसे... है मोहोब्बत मुझे पर अब बताऊं कैसे... उसके होंठों की लाली वो कानों की बाली... उसका मासूम सा चेहरा भूलाऊं कैसे... झुल्फो के पीछे वो चेहरा छुपाना... वो उसकी सरारत अब भूल जाऊं कैसे... माने ना कहेना दिल ना एक पल का चैन.. इस पागल दिल को मैं कैसे समझाऊं.. बातों में है वो एहसास में है वो मेरे..  मैं गजल कैसे बना कर गुन-गुनाऊं कैसे... उफ वो अदा उसकी हाए वो हाय उसकी... सरबती उन आँखों से निकाल पाऊं कैसे... प्रभात.... तेरा मेरा साथ रहे 👫