हे प्रभु .....प्रार्थना ....G....M....Hindi poem
हे प्रभु .....
हर रोज सुबह मैं बस,
तेरा नाम ही रटना चाहूं.....
नींद आए तो तेरे नाम से,
और....….
तेरे नाम से ही जगना चाहूं.....
ना चाहुं मैं धन दौलत,
मैं तो बस मन का सुकून ही चाहूं.....
तू जिस रस्ते पर चलाए,
मैं उस रस्ते ही चलना चाहूं.....
क्या सही है और क्या ग़लत,
इतना भी मुझको ज्ञान नहीं....
हर कार्य आरंभ से पहले,
मैं नाम तेरा ही लेना चाहूं.....
तू जिस हाल में रखे मुझे,
मैं उस हाल में रहना चाहूं.....
कभी खफा ना हो जाए तू मुझसे,
बस इतनी अरज प्रभु मैं करना चाहूं.....
सुप्रभात 🔆🙏
प्रभात.....
हर रोज सुबह मैं बस,
तेरा नाम ही रटना चाहूं.....
नींद आए तो तेरे नाम से,
और....….
तेरे नाम से ही जगना चाहूं.....
ना चाहुं मैं धन दौलत,
मैं तो बस मन का सुकून ही चाहूं.....
तू जिस रस्ते पर चलाए,
मैं उस रस्ते ही चलना चाहूं.....
क्या सही है और क्या ग़लत,
इतना भी मुझको ज्ञान नहीं....
हर कार्य आरंभ से पहले,
मैं नाम तेरा ही लेना चाहूं.....
तू जिस हाल में रखे मुझे,
मैं उस हाल में रहना चाहूं.....
कभी खफा ना हो जाए तू मुझसे,
बस इतनी अरज प्रभु मैं करना चाहूं.....
सुप्रभात 🔆🙏
प्रभात.....
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