मैं चाहता हूं तुम्हें......!!! Hindi love poem
मैं चाहता हूं तुम्हें.......
क्योंकि....
मुझे तुम,
अच्छी लगती हो.......
तुम्हारी हर बात हर अदा,
मुझे अच्छी लगती है.......
जब बोलती हो तुम,
तब तुम्हें सुनना अच्छा लगता है.......
रूठ जाती हो जब तुम,
तब तुम्हें मनाना अच्छा लगता है.......
मुझपर गुस्सा हो कर भी,
प्यार जताना मुझे अच्छा लगता है......
जब रहती हो खामोश तुम,
चेहरे की मुस्कान मुझे अच्छी लगती हैं......
आंखों में अमृत की धारा,
और लबों की मीठास अच्छी लगती हैं.......
बातो और मुलाकातों की
वो सौगात मुझे अच्छी लगती है......
एक दिन की जुदाई में,
तेरी एहमियत मुझे अच्छी लगती है.......
मैं चाहता हूं बहुत तुम्हें......पर.....
मेरी चाहत को,
तुम्हारी चाहत अच्छी लगती हैं......
प्रविन......
क्योंकि....
मुझे तुम,
अच्छी लगती हो.......
तुम्हारी हर बात हर अदा,
मुझे अच्छी लगती है.......
जब बोलती हो तुम,
तब तुम्हें सुनना अच्छा लगता है.......
रूठ जाती हो जब तुम,
तब तुम्हें मनाना अच्छा लगता है.......
मुझपर गुस्सा हो कर भी,
प्यार जताना मुझे अच्छा लगता है......
जब रहती हो खामोश तुम,
चेहरे की मुस्कान मुझे अच्छी लगती हैं......
आंखों में अमृत की धारा,
और लबों की मीठास अच्छी लगती हैं.......
बातो और मुलाकातों की
वो सौगात मुझे अच्छी लगती है......
एक दिन की जुदाई में,
तेरी एहमियत मुझे अच्छी लगती है.......
मैं चाहता हूं बहुत तुम्हें......पर.....
मेरी चाहत को,
तुम्हारी चाहत अच्छी लगती हैं......
प्रविन......
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