नूर-ए-चांद से जब ये रात रौशन हुई.....!!! Hindi Good night poem

चरागों की लौं जब बुझने लगी,
नूर-ए-चांद से ये रात रोशन हुई.....

जमी पर सितारों ने रखें कदम,
नींद से आंखें जब बोझिल हुई.....

खिलने लगे रात रानी के फूल,
बहती हवाएं भी महकने लगी.....

टिमटिमाते हुए जुगनू ओ से,
ये रात और भी हसीन हुई.....

ख्वाब सुनहरे लिए पलकें भी,
अब तो नींद की राह तकने लगी.....

बेहतर कल की उम्मीद लिए यारों,
हम भी अब तो सोने चले......!!!

प्रविन.......

Charagon ki lon jab bujhne lagi,
Noor-e-chand se ye raat roshan hui.....

Jami par sitaron ne rakhe kadam,
Neend se ankhe jab bojhil hui......

Khilne lage raat Rani ke fool,
Baheti havayen bhi mahekne lagi......

Timtimate huye jugnuo se,
Ye raat or bhi haseen hui.....

Khwab sunahre liye palken bhi,
Ab to neend ki raah takne lagi.....

Behtar kal ki ummid liye yaron,
hum bhi ab to sone chale.....!!!

Pravin........

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