कर्म ही है इंसान की पूंजी.....!!! Hindi suvichar

किन सांसों का मैं एतबार करूं,
जो अंत में मेरा साथ छोड़ देगी.....

किस धन का मैं अहंकार करूं,
जो अंत में मेरे प्राणों को,
बचा ही नहीं पाएगा......

किस तन पर मैं गुरूर करूं,
जो अंत में मेरी आत्मा का,
बोझ भी नहीं उठा पाएगा......

करना है तो अच्छे काम करूं,
जो मरने के बाद भी मेरे साथ जाएगा......

क्योंकि........

भगवान् की अदालत में वकालत नहीं होती।
यदि सजा हो जाए तो जमानत भी नहीं होती।

प्रभात.........

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