राज-ए-दिल......!!! Hindi love poem
राज-ए-दिल हम छुपाएं कैसे,
हमें मुहब्बत है तुमसे ये बताएं कैसे.....
कभी जमीं पर तो कभी तू फलक पे,
ये तो बता तुझे अपने पास बुलाएं कैसे.....
करती है ये आंखें बस इंतज़ार तेरा
तेरे आने का दिलासा इन्हें दिलाएं कैसे.....
लिखी हैं जो बातें तेरी मैंने तहरीर में,
तू ना आए तो हम इसे सुनाएं कैसे....
सारे पुछते हैं मुझसे मेरी बेखुदी की वजह,
तू ही बता तेरा नाम सबको बताएं कैसे.....
राज-ए-दिल हम छुपाएं कैसे,
हमें मुहब्बत है तुमसे ये बताएं कैसे.....!!!
Raj-e-dil hum chhupaye kaise,
Hume mohabbat hai tumse ye bataye kaise......
Kabhi Jami par to kabhi tu falak pe,
Ye to Bata tujhe apne paas bulayen kaise......
Karti hai ye ankhe bas intjaar tera,
Tere aane ka dilasa ise dilaye kaise......
Likhi hai Jo baten Maine apni taherir me,
Tu na aaye to hum ise sunaye kaise......
Sare puchhte Hain Meri bekhudi ki wajah,
Tu hi Bata tera naam sab ko bataye kaise......
Raj-e-dil hum chhupaye kaise,
Hume mohabbat hai tumse ye bataye kaise.....
प्रभात.........
तेरा मेरा साथ रहे 👫💞
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