बदलते दौर ने सबकुछ बदल दिया......!!! Hindi suvichar
कपड़े हो गये छोटे तो,
शर्म कहां से होय......
अनाज हो गया रसायनिक तो,
स्वाद कहां से होय......
भोजन हो गया डालडा का तो,
ताकत कहां से होय......
नेता हुआ बस कुर्सी के तो,
देश हित कहां से होय......
फूल हुए प्लास्टिक के तो,
खुशबू कहां से होय......
चेहरा हुआ मेकअप का तो,
रूप कहां से होय......
शिक्षक हुए ट्यूशन के तो,
विद्या कहां से होय......
पोग्रम हुए चैनल के तो,
संस्कार कहां से होय......
इंसान हुआ पैसों का तो,
दया कहां से होय......
पानी हुआ केमिकल के तो
गंगा जल कहां से होय......
संत दुए सैतान तो,
सत्संग कहां से होय.....
भक्त हुए स्वार्थी तो,
भगवान् कहां से होय.....!!
प्रभात...........
शर्म कहां से होय......
अनाज हो गया रसायनिक तो,
स्वाद कहां से होय......
भोजन हो गया डालडा का तो,
ताकत कहां से होय......
नेता हुआ बस कुर्सी के तो,
देश हित कहां से होय......
फूल हुए प्लास्टिक के तो,
खुशबू कहां से होय......
चेहरा हुआ मेकअप का तो,
रूप कहां से होय......
शिक्षक हुए ट्यूशन के तो,
विद्या कहां से होय......
पोग्रम हुए चैनल के तो,
संस्कार कहां से होय......
इंसान हुआ पैसों का तो,
दया कहां से होय......
पानी हुआ केमिकल के तो
गंगा जल कहां से होय......
संत दुए सैतान तो,
सत्संग कहां से होय.....
भक्त हुए स्वार्थी तो,
भगवान् कहां से होय.....!!
प्रभात...........
Exilent
ReplyDeleteBahot badhiya vichar prabhatji
Haste rahe muskurate rhe sada sap😊
Pura din khusshiyo bhara rhe
Enjoy the day drrrrji
Good morning
Hv a blessed Sunday
GBU.... Ji
🌹☕😘🍫💞👫