कितने सुहाने बचपन के दिन......!!! Hindi suvichar

कभी स्कुल जाने से डरते थे,
आज अकेले ही दुनिया घूम आते हैं......

पहले फस्ट आने के लिए पढ़ते थे,
अब पैसों के लिए पढ़ते हैं......

पहले छोटी सी चोट पर रोते थे,
आज दिल टूटने पर भी संभल जाते हैं......

पहले दोस्तों के साथ रहते थे,
आज दोस्तों को याद कंहा करते हैं......

पहले खुद ज़िद किया करते थे,
आज बीवी बच्चों की जिद पुरी करते हैं.......

पहले खुशियों में दिन गुजरते थे,
आज सुकून के लिए हम तरसते हैं.......

न जाने कब बड़े हो गए पता ही न चला,
आज जिम्मेदारी को लिए जीया करते हैं........

प्रभात.......

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