सबको मुबारक हो, मकर संक्रांति का ये त्यौहार.....!!! Hindi Makar sankranti poem
दिल की पतंग में जुड़ी,
रिश्तों की डोरी...
प्रित के आसमान में उडे,
ये पतंग सारी...
रंगा है आसमां आज,
खुशियों के रंग में...
तिल गुड़ के मिठास में धूली,
ये दुनिया सारी...
सूरज की होगी आज,
मकर पर संक्रांति...
शुभ कार्य की शुरुआत,
होने लगी सारी...
क्या बड़े क्या छोटे,
सब का छतों पर हुजूम है...
सोर मचा के मस्ति करें,
जब पेंच की हो तैयारी...
खुशियों उत्सव ले कर,
आता है यह पर्व...
सबको मुबारक हो,
मकर संक्रांति का ये त्यौहार.....!!!
प्रभात 💞 प्रतिभा
रिश्तों की डोरी...
प्रित के आसमान में उडे,
ये पतंग सारी...
रंगा है आसमां आज,
खुशियों के रंग में...
तिल गुड़ के मिठास में धूली,
ये दुनिया सारी...
सूरज की होगी आज,
मकर पर संक्रांति...
शुभ कार्य की शुरुआत,
होने लगी सारी...
क्या बड़े क्या छोटे,
सब का छतों पर हुजूम है...
सोर मचा के मस्ति करें,
जब पेंच की हो तैयारी...
खुशियों उत्सव ले कर,
आता है यह पर्व...
सबको मुबारक हो,
मकर संक्रांति का ये त्यौहार.....!!!
प्रभात 💞 प्रतिभा
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