क्यूँ ख्वाबो में तुम आते हो.......!!! Hindi love poem
क्यूँ ख्वाबो में तुम आते हो,
हर पल क्यूँ ऐसे तड़पाते हो..........!
बनके प्यार की मूरत फिर,
दिल में क्यूँ बस जाते हो..........!
बन आखों का जल फिर,
पलकों पे क्यूँ चढ़ जाते हो..........!
कुमकुम के रंगो में फिर,
आलोक नया भर जाते हो...........!
बनके मेहंदी की खुशबु
हाथो में क्यूँ बिखर जाते हो..........!
क्यूँ ख्वाबो में तुम आते हो...........!
महफ़िल में कर तनहा मुझको,
तुम दूर चले क्यूँ जाते हो............!
आखों में बन यादो का पानी,
वापस फिर क्यूँ तुम आते हो...........!
ख़ामोशी में पल भर हो शामिल,
सवाल कई दे जाते हो............!
थमती हुयी धड़कनो को फिर,
एहसास नया दे जाते हो............!
क्यूँ ख्वाबो में तुम आते हो...........!
वापस तुम अब लौट भी आओ,
इतना ना मुझको तड़पाओ...........!
ताोडके सारे बंधन तुम,
यादो का मरहम दे जाओ............!
बन सावन की बूंदें स्वयंम,
क्यूँ विरह की अग्नि जलाते हो............!
क्यूँ पतझड़ के मौसम में,
तुम राग नया सुनाते हो............!
क्यूँ ख्वाबो में तुम आते हो............!!!
प्रतिभा...........
तेरा मेरा साथ रहे 👫
हर पल क्यूँ ऐसे तड़पाते हो..........!
बनके प्यार की मूरत फिर,
दिल में क्यूँ बस जाते हो..........!
बन आखों का जल फिर,
पलकों पे क्यूँ चढ़ जाते हो..........!
कुमकुम के रंगो में फिर,
आलोक नया भर जाते हो...........!
बनके मेहंदी की खुशबु
हाथो में क्यूँ बिखर जाते हो..........!
क्यूँ ख्वाबो में तुम आते हो...........!
महफ़िल में कर तनहा मुझको,
तुम दूर चले क्यूँ जाते हो............!
आखों में बन यादो का पानी,
वापस फिर क्यूँ तुम आते हो...........!
ख़ामोशी में पल भर हो शामिल,
सवाल कई दे जाते हो............!
थमती हुयी धड़कनो को फिर,
एहसास नया दे जाते हो............!
क्यूँ ख्वाबो में तुम आते हो...........!
वापस तुम अब लौट भी आओ,
इतना ना मुझको तड़पाओ...........!
ताोडके सारे बंधन तुम,
यादो का मरहम दे जाओ............!
बन सावन की बूंदें स्वयंम,
क्यूँ विरह की अग्नि जलाते हो............!
क्यूँ पतझड़ के मौसम में,
तुम राग नया सुनाते हो............!
क्यूँ ख्वाबो में तुम आते हो............!!!
प्रतिभा...........
तेरा मेरा साथ रहे 👫
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