तेरी मोहब्बत का कुछ इस तराह एहसास देती जा...... Hindi love poem
जाते -जाते मोहब्बत की मिठास देती जा....
मिलेगी फिर मुझको ये दिल को आस देती जा....
तडपता रहूं जल बिन मछली की तराह.....
आँखों को तेरे दिदार की प्यास देती जा......
उस राह पर खड़ा तेरा इंतजार करता रहूं....
लौट आने की कसम लेकर विश्वास देती जा.....
जिसे देख-देख कर गुजार लूँ अपना वक्त......
अपने प्यार की एसी एक निशानी खास देती जा.....
दूरी हो चाहे कितनी भी पर दिल में रहेगी मोहब्बत......
तेरी मोहब्बत का कुछ इस तराह एहसास देती जा......
प्रभात.....
तेरा मेरा साथ रहे 👫
मिलेगी फिर मुझको ये दिल को आस देती जा....
तडपता रहूं जल बिन मछली की तराह.....
आँखों को तेरे दिदार की प्यास देती जा......
उस राह पर खड़ा तेरा इंतजार करता रहूं....
लौट आने की कसम लेकर विश्वास देती जा.....
जिसे देख-देख कर गुजार लूँ अपना वक्त......
अपने प्यार की एसी एक निशानी खास देती जा.....
दूरी हो चाहे कितनी भी पर दिल में रहेगी मोहब्बत......
तेरी मोहब्बत का कुछ इस तराह एहसास देती जा......
प्रभात.....
तेरा मेरा साथ रहे 👫
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