जबसे अपने पराए की पहचान हो गई.......!!! Hindi suvichar
जबसे हमें अपने पराए की पहचान हो गई,
तन्हा ही रहता हूं पूरी दुनिया वीरान हो गई।।
हंसी के ठहाके गुंजा करते थे जिन गलियों में,
अब हाल यूं है की सारी सड़कें सुनसान हो गई।।
दिल की सुन जिस ओर चल दिया करते थे क़दम,
ठोकरें जो लगी तो रूह से भी पहचान हो गई।।
ख्वाहिशों का बचपना भी अब चंचल न रहा,
उम्मीदों की हकीकत जब कुछ यूं जवान हो गई।।
बिन झरोखों के उजालों की आस रखूं भी तो कैसे,
वो टूटी झोपड़ी भी मेरी पक्का मकान हो गई।।
चुप रहकर ही अब जज्बातों की स्याही बनाता हूं,
हाल-ए-दिल लिखते लिखते कलम महान हो गई।।
प्रभात..........
तन्हा ही रहता हूं पूरी दुनिया वीरान हो गई।।
हंसी के ठहाके गुंजा करते थे जिन गलियों में,
अब हाल यूं है की सारी सड़कें सुनसान हो गई।।
दिल की सुन जिस ओर चल दिया करते थे क़दम,
ठोकरें जो लगी तो रूह से भी पहचान हो गई।।
ख्वाहिशों का बचपना भी अब चंचल न रहा,
उम्मीदों की हकीकत जब कुछ यूं जवान हो गई।।
बिन झरोखों के उजालों की आस रखूं भी तो कैसे,
वो टूटी झोपड़ी भी मेरी पक्का मकान हो गई।।
चुप रहकर ही अब जज्बातों की स्याही बनाता हूं,
हाल-ए-दिल लिखते लिखते कलम महान हो गई।।
प्रभात..........
Wah re jiiiiiiiiiii
ReplyDeleteAapki soch to sab se pare He
Nice lines..... drr... Prabhat
Good morning
Hv a blesss day
Sada muskurate rahe aaap
Yahi 💖 so duaaaa
🌹☕🍫💞👫TMSR
Sachchi Dosti hi rishte ki pehchan he....
Sachcha pyar hi bharose ki pehchan he.....
Thanks my dr b
DeleteSach kaha tumne