चढाऊँ क्या तुझे भगवन.....?? प्रार्थना सुबह की....
🙏🌹प्रार्थना 🌹🙏 कोई सोना चढाए , कोई चाँदी चढाए ; कोई हीरा चढाए , कोई मोती चढाए ; चढाऊँ क्या तुझे भगवन ; कि ये निर्धन का डेरा है ; अगर मैं फूल चढाता हूँ , तो वो भँवरे का झूठा है ; अगर मैं फल चढाता हूँ , तो वो पक्षी का झूठा है ; अगर मैं जल चढाता हूँ , तो वो मछली का झूठा है ; अगर मैं दूध चढाता हूँ , तो वो बछडे का झूठा है ; चढाऊँ क्या तुझे भगवन ; कि ये निर्धन का डेरा है ; अगर मैं सोना चढ़ाता हूँ , तो वो माटी का झूठा है ; अगर मैं हीरा चढ़ाता हूँ , तो वो कोयले का झूठा है ; अगर मैं मोती चढाता हूँ , तो वो सीपो का झूठा है ; अगर मैं चंदन चढाता हूँ , तो वो सर्पो का झूठा है ; चढाऊँ क्या तुझे भगवन, कि ये निर्धन का डेरा है ; अगर मैं तन चढाता हूँ , तो वो पत्नी का झूठा है ; अगर मैं मन चढाता हूँ , तो वो ममता का झूठा है ; अगर मैं धन चढाता हूँ , तो वो पापो का झूठा है ; अगर मैं धर्म चढाता हूँ , तो वो कर्मों का झूठा है ; चढाऊँ क्या तुझे भगवन , कि ये निर्धन का डेरा है ; तुझे परमात्मा जानू , तू ही तो है – मेरा दर्पण ; तुझे मैं आत्मा जानू , करूँ मैं आत्मा अर्पण. सुप्रभात दोस्तों...
नटखट गोकुल के राजा
ReplyDeleteमेरी अखियां तरस गई अब तो आजा
क्रिष्ना तेरी मुरली के मधुर सूर ने मोह लिया....
सुधबुध ना रही मन पागल तुजमें खो गया.... .
जय श्री क्रिष्ना.... .🌹
सुप्रभात प्रिय...... प्रभात 😘
बहोत बढिया है ये कविता... 👌
शुभ दिन रहे आपका... ☕
GBU drrrrrr..... 💞👫
Thnx dr b
DeleteNice line
😘🌹💖