हर इंसान आज दिल से गरीब है..!!!! Hindi suvichar

हर इंसान आज दिल से गरीब है..!
किस को कोसे सब का अपना नसीब है...!!

कहने को तो ता-उम्र साथ निभाएंगे...!
वक्त आने पर पता चलता कौन कितना करीब है...!!

लिखना आता नहीं फिर भी लिख रहे...!
ना जाने ये खेल कितना अजीब है....!!

हर कोई दुसरे की आखिरी सांस की दुआ कर रहा...!
मानो हर कोई यहां एक दूसरे का रकीब है...!

हर एक शेर मुकर्रर वाला लिख रहा...!
ना जाने वो कैसा अदीब है....!

इन इंसानों से अलग पहचान बना अपनी...!
जो बन गया इन जैसा तो तेरा मुकद्दर बदनसीब है....!!!

प्रभात........

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