दियों से रोशन होती दिवाली......!!! Hindi Diwali poem

दियों से रोशन होती दिवाली.....
खुशियों का पर्व कहलाती दिवाली.....

रिश्तों में प्रेम की मिठास लिए,
अपनों को करीब ले आती दिवाली.....

घर आंगन सजने लगते हैं...
दरों दीवार भी रंगने लगती है...

छोटी छोटी लडीयों से,
रात जगमगाने लगती है...

रंगो की रंगोली से,
हर आंगन की सोभा बढ़ती है...

सभी के चेहरों पर देखो,
दिवाली की खुशी खूब झलकती है...

नए कपड़े और मिठाई की,
दुकानों में भीड़ लगती है....

धनतेरस के दिन पर,
मां लक्ष्मी की पूजा होती है....

काली चौदस की रात,
घर का क्लेस भी मिटाती है...

मिट्टी के दीए जलने से,
अमावस्या की रात पुनम हो जाती है...

नए साल के आगमन पर,
एक दुसरे से लोग मिलते हैं....

गले लगकर सभी को,
दिवाली और नए साल की शुभकामनाएं देते हैं...

यह त्योहार है प्रेम प्रतिक का,
बुराई पर अच्छाई की जीत का...

इसे दूषित न करना पटाखों से...

उस घर को भी रोशन करना,
जहां अंधेरा हो गरीबी का...

दिपावली और नए साल की,
मेरे सभी दोस्तों को ढेरों शुभकामनाएं....!!

प्रभात........

Comments

Popular posts from this blog

चढाऊँ क्या तुझे भगवन.....?? प्रार्थना सुबह की....

ये वतन है हिन्दुस्तान हमारा.....!! Hindi desh bhakti poem

"माँ" के लिए मैं क्या लिखूं....? माँ ने तो खुद मुझे लिखा है.....Hindi suvichar