उस गांव की मुझे याद आती है..... !!! Hindi village poem
मुझे याद आती है.....
गांव की वो हरियाली,
लहराती वो सरसों मतवाली,
चूल्हे की आग पर वो बनी रोटीयां,
मां ने गाई थी जो मीठी लोरीयां,
मुझे याद आती है.....
अच्छाई और बुराई को समझाती,
ऐसी थी मेरी दादी नानी की कहानियां,
मुझे याद आती है.....
जहां बड़े छोटों का आदर होता,
सुख दु:ख में साथ सबका होता,
मुझे याद आती है.....
कोयल सुनाती जहां मीठी तान,
कड़वे नीम की वो मीठी छांव,
याद आता है मुझे वो मेरा गांव,
होते थे जहां मिट्टी के मकान,
मुझे याद आती है.....
खेलकूद में जहां मेरा बचपन बीता,
उस गांव की मुझे याद आती है.....
प्रभात..........
गांव की वो हरियाली,
लहराती वो सरसों मतवाली,
चूल्हे की आग पर वो बनी रोटीयां,
मां ने गाई थी जो मीठी लोरीयां,
मुझे याद आती है.....
अच्छाई और बुराई को समझाती,
ऐसी थी मेरी दादी नानी की कहानियां,
मुझे याद आती है.....
जहां बड़े छोटों का आदर होता,
सुख दु:ख में साथ सबका होता,
मुझे याद आती है.....
कोयल सुनाती जहां मीठी तान,
कड़वे नीम की वो मीठी छांव,
याद आता है मुझे वो मेरा गांव,
होते थे जहां मिट्टी के मकान,
मुझे याद आती है.....
खेलकूद में जहां मेरा बचपन बीता,
उस गांव की मुझे याद आती है.....
प्रभात..........
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