पति-पत्नी का रिश्ता है ऐसा....!!! Hindi suvichar

पति-पत्नी का रिश्ता है ऐसा....

मां ने बचपन से,
जवानी तक संभाला....

फिर पत्नी साथ,
निभाती है...

एक मां की तरह वो भी,
अपना हर फ़र्ज़ निभाती है...

त्याग के अपना घर-बार
नए घर को वो अपनाती है....

हर रिश्ते को परे रख,
एक नए रिश्ते से जुड़ जाती है....

सौंप के अपना सर्वस्व,
पति की अर्द्धांगिनी कहलाती है....

सुख मिले या दु:ख मिले,
हर परिस्थिति में वो रह लेती है....

अपने घर संसार को संवार ने में,
यथार्थ प्रयास वो करती है...

दिनभर घर के काम में व्यस्त रह के,
पति का प्यार पाकर वो खुश रहती है....

विकट परिस्थिति में भी,
हमारा हौसला वही बढ़ाती है....

बच्चे बुढ़ापे में चाहे छोड़ दें अकेला
पर पत्नी मरते दम तक साथ निभाती है....

याद करो अपनी मां यारों,
वह भी पत्नी बनकर ही आई थी...

अपनी मां से जब पत्नी की तुलना करोगे तो,
मां की तरह पत्नी भी महान नज़र आयेगी......!!

प्रभात.......

Comments

  1. Wow suprb mind bloing
    So sweet poem my love

    नाजुक सा ये बंधन निभाना हमेशा
    मुझे हमसफर बनाके साथ चलना हमेशा......

    सुख में भी तेरा साथ निभाऊ
    दुःख में भी तेरी छाया बनके रहु हमेशा.....

    बनकर हरजनम तेरी ही अर्धांगिनी
    तुझे सारे जहाँ की खुशी दु हमेशा....

    So nice my dear Prabhat

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