पैसा ही सबकुछ नहीं होता......!!! Hindi suvichar

आज पैसा सबकुछ न होता तो,
दिलों का बंटवारा न होता.....

न जमीन का झगड़ा होता,
न ज़मीर यूं सरेआम बिकता.....

पैसे की चमक धमक में,
कोई क्यूं अपना चैन-ओ-सुकुन न खोता.....

मानवता आज मनुष्यों में जिंदा होती,
अगर वो समझ लेता की.....

पैसा ही सबकुछ नहीं होता.........!!!

प्रभात...........

Comments

Popular posts from this blog

"माँ" के लिए मैं क्या लिखूं....? माँ ने तो खुद मुझे लिखा है.....Hindi suvichar

डर लगता है तुझे खोने से......!!! ( Dar lagta hai tujhe khone se..!!)Hindi love poem

चढाऊँ क्या तुझे भगवन.....?? प्रार्थना सुबह की....