सैंया ये तुम क्या कर गए.....?? Hindi love poem
सैंया ये तुम क्या कर गए.....??
मेरे दिल की बगिया में, चाहत के फूल खिला गए।
मेरी ही नज़रों को अपनी नज़रों से चूरा गए ।
मेरी साँसो में अपनी साँसो की महक घोल गए।
पूछती रही आंखें मेरी मुझसे तेरा ही पता ।
मन का मेरे सारा करार ले गए।
सूरीली मेरी आवाज को गीत दे गए।
मन की दहलीज़ पर करती थी इन्तजार कबसे
उसी इन्तजार की लौं को आज तुम बुझा गए।
धडकते इस दिल में पहचान छोड गए।
रुह से मेरी रुह को मिला गए।
अपने दिल की रानी तुम मुझे बना गए।।।
तेरा मेरा साथ रहे 👫💞
प्रतिभा...........
मेरे दिल की बगिया में, चाहत के फूल खिला गए।
मेरी ही नज़रों को अपनी नज़रों से चूरा गए ।
मेरी साँसो में अपनी साँसो की महक घोल गए।
पूछती रही आंखें मेरी मुझसे तेरा ही पता ।
मन का मेरे सारा करार ले गए।
सूरीली मेरी आवाज को गीत दे गए।
मन की दहलीज़ पर करती थी इन्तजार कबसे
उसी इन्तजार की लौं को आज तुम बुझा गए।
धडकते इस दिल में पहचान छोड गए।
रुह से मेरी रुह को मिला गए।
अपने दिल की रानी तुम मुझे बना गए।।।
तेरा मेरा साथ रहे 👫💞
प्रतिभा...........
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