ऐ जिंदगी मुझे तुमसे मोहब्बत क्यूं है......? Hindi suvichar
ऐ जिंदगी मुझे तुमसे मोहब्बत क्यूं है......?
तू हंसती है मेरे जख्मों पर,
फिर भी मुझे तेरी आदत क्यूं है......?
गिरना भी तुने सिखाया, उड़ना भी तुने सिखाया,
फिर भी तुझे मेरी जरूरत क्यूं है...…?
कुछ तो दिलचस्पी है मेरी सांसों में तुझे,
आखिर मुझसे इतनी चाहत क्यूं है......?
गिर कर भी मैंने हंसना सिखा है जिंदगी से,
आज जिंदगी ही मेरी इबादत क्यूं है......?
जिंदगी को समझना है तो,
चलना सिखों रुकना नहीं मेरे यारो......
चलते मुसाफ़िरो को,
ये मंजिल से मिलाती है......
सिर्फ जीने का नाम ही नहीं जिंदगी......
जिंदगी तो वो है,
जो औरों के काम आए.......
फिर देखो कितनी हसीन लगती है जिंदगी.......!!
प्रभात...........
तू हंसती है मेरे जख्मों पर,
फिर भी मुझे तेरी आदत क्यूं है......?
गिरना भी तुने सिखाया, उड़ना भी तुने सिखाया,
फिर भी तुझे मेरी जरूरत क्यूं है...…?
कुछ तो दिलचस्पी है मेरी सांसों में तुझे,
आखिर मुझसे इतनी चाहत क्यूं है......?
गिर कर भी मैंने हंसना सिखा है जिंदगी से,
आज जिंदगी ही मेरी इबादत क्यूं है......?
जिंदगी को समझना है तो,
चलना सिखों रुकना नहीं मेरे यारो......
चलते मुसाफ़िरो को,
ये मंजिल से मिलाती है......
सिर्फ जीने का नाम ही नहीं जिंदगी......
जिंदगी तो वो है,
जो औरों के काम आए.......
फिर देखो कितनी हसीन लगती है जिंदगी.......!!
प्रभात...........
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